हर पांचवें दिन एक शख्स की मौत!

बिलासपुर। पंजाब की सीमा से सटे बिलासपुर में साल 2012 कई अच्छी-बुरी यादें छोड़ जाएगा। सालभर जिले में कहीं ऊबड़-खाबड़ सड़कों पर हादसों में खून बहा तो कहीं लोगों का खून आपराधिक किस्म के लोगों ने बहा दिया। हर पांचवें दिन लगभग एक शख्स की यहां औसतन मृत्यु हादसों और हत्याओं की वजह से हुई। जनवरी से दिसंबर तक 73 लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। इनमें आठ लोगों की हत्याएं हुईं जबकि अन्य हादसों का शिकार हुए।
पुलिस आंकड़ों के अनुसार इस साल सड़क दुर्घटनाओं के कुल 396 मामले दर्ज हुए। इनमें 62 लोगों की मौत हुई। कई लोग छुटपुट घटनाओं में घायल हो गए। हालांकि पिछले साल की तुलना हादसों में मरने वाले लोगों की संख्या कम है। लेकिन वर्ष 2011 में बंदला में हुए दर्दनाक बस हादसे में ही 31 लोगों की जानें गई थीं। जबकि नम्होल में जीप दुर्घटनाग्रस्त होने से आठ लोगों की मौत भी इसी साल हुई थी। जबकि इस साल ऐसा बड़ा हादसा नहीं हुआ। इस साल स्वारघाट में नवंबर में ट्रक खाई में गिरने से तीन व्यक्तियों की मौत हो गई। इसी तरह दो बाइक सवार भी हादसे का शिकार हो गए। पुलिस के अनुसार इस साल सड़क दुर्घटनाओं के कुल 396 मामले दर्ज किए गए हैं। पुलिस का दावा है कि विभिन्न स्थानों पर सीसीटीवी कैमरों के लगाने से इस साल सड़क हादसों में कमी आई है। पुलिस अधीक्षक संतोष पटियाल कहते हैं कि पिछले वर्ष सड़क दुर्घटनाओं के 424 मामले सामने आए थे जबकि इस साल 396 मामले दर्ज हुए हैं। इससे स्पष्ट होता है कि इस साल सड़क हादसों में कमी आई है।

इनसेट के लिए….
1. तार-तार हुए रिश्ते, अपनों का बहाया खून
बिलासपुर। साल 2012 में रिश्तों की डोर भी कमजोर हुई। आठ हत्याओं के मामलों में कइयों ने अपनों का खून बहाया। एक पिता ने अपने ही बेटे पर बंदूक से गोली दागी। हालांकि मुस्तैदी से कार्य करते हुए पुलिस ने हत्या के आठ में से पांच मामलों में पांच को दबोच लिया। उनके खिलाफ न्यायालय में चालान भी पेश किए गए हैं।

2. इंजीनियर छात्रों की मौत दे गए जख्म
बिलासपुर। दो रोज पहले ही बंगलूरू में हुए सड़क हादसे में तीन छात्रों की मौत गहरा जख्म दे गई है। सड़क हादसे में बिलासपुर के इन बेटों की मौत हो गई। इससे इलाके में अभी भी मातम का माहौल है। दो छात्र इंजीनियरिंग कर रहे थे तो एक होटल मैनेजमेंट का कोर्स कर रहा था।

3. दो ने पी लिया शहादत का जाम
बिलासपुर। देश की सुरक्षा में तैनात बिलासपुर के दो बेटों ने इस बार शहादत का भी जाम पिया है। 24 दिसंबर को जम्मू के राजौरी में पाक सीमा पर तैनात बिलासपुर के राकेश शहीद हुए। जबकि इसी साल कैप्टन सुभाष चंद की मौत से भी जिला गमगीन रहा।

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