हमीरपुर का आकाशवाणी केंद्र स्टाफ की कमी होने की बजह से बंद होने के कगार पर

हमीरपुर का आकाशवाणी केंद्र स्टाफ की कमी होने की बजह से बंद होने के कगार पर

हमीरपुर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मन की बात कार्यक्रम का प्रसारण करने वाला आकाशवाणी हमीरपुर केंद्र वर्तमान में बंद होने की कगार पर है। आकाशवाणी केंद्र स्टाफ की कमी से जूझ रहा है। इसमें लंबे समय से 66 फीसदी पद खाली हैं। एफएम-101.8 मेगा हाट्स पर यहां से प्रसारित होने वाले कार्यक्रमों की हमीरपुर के अलावा जम्मू-कश्मीर, पंजाब के होशियारपुर और नंगल तक पहुंच है। यहां कुल सृजित 30 पदों में से 20 पद खाली हैं। दस कर्मचारियों के सहारे आकाशवाणी केंद्र चलाया जा रहा है। आकाशवाणी हमीरपुर में प्रोग्राम विंग में ट्रांसमिशन एग्जीक्यूटिव के कुल आठ पद सृजित हैं। वर्तमान में प्रोग्राम ट्रांसमिशन एग्जीक्यूटिव के पद पर केवल एक व्यक्ति काम कर रहा है। शेष सात पद खाली हैं।

रेडियो स्टेशन में प्रोग्राम विंग की अहम भूमिका रहती है। दिन भर चलने वाले कार्यक्रम इसी विंग के माध्यम संचालित होते हैं। लिपकीय स्टाफ के पद भी खाली हैं। रेडियो स्टेशन में सुबह, दोपहर और शाम के समय अलग-अलग कार्यक्रम प्रसारित होते हैं। खास तौर पर सुबह के समय आने वाला गल तुसां दी…, हेलो फरमाइश, पंजाबी फ्लेवर और स्वास्थ्य पर चर्चा काफी मशहूर हैं। आकाशवाणी भारत के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अधीन संचालित सार्वजनिक क्षेत्र की रेडियो प्रसारण सेवा है। हमीरपुर आकाशवाणी फरवरी 1994 में शुरू हुआ। शुरुआत में स्टेशन डायरेक्टर समेत कई महत्वपूर्ण पदों पर अधिकारी और कर्मचारी थे, लेकिन अधिकारियों की ट्रांसफर और सेवानिवृत्ति के बाद यह पद खाली हैं।

बत्ती गुल होने पर बंद हो जाता है कार्यक्रम
आकाशवाणी हमीरपुर में बत्ती गुल होने पर कार्यक्रमों के प्रसारण में दिक्कतें पेश आ रही हैं। जनरेटर ऑन होने के बाद कार्यक्रम शुरू होता है। इस तरह की दिक्कतें कई बार सामने आई हैं। पूर्व में एक लाइव कार्यक्रम में एक श्रोता ने तो कार्यक्रम में ही कह दिया कि इस समस्या को जल्द दूर किया जाना चाहिए। तब कर्मचारी ने जवाब दिया कि लाइट बंद होने के बाद जनरेटर ऑन होने में 5 से 10 सेकेंड का समय लगता है।

मैंने दो माह पहले ही ज्वाइन किया है। आकाशवाणी हमीरपुर केंद्र में खाली पदों की सूचना मिली है। दिल्ली स्थित निदेशालय को सूचना भेज दी गई है। खाली पद भरने की प्रक्रिया निदेशालय स्तर पर ही होती है।
– गुरविंद्र सिंह, डीडीजीएम, आकाशवाणी शिमला

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