सैद्धांतिक मंजूरी के बाद संचालकों ने नौ जिलों में निजी बसें चलाईं

शिमला

Relief: Private buses ply on some routes in nine districts of Himachal

हिमाचल कैबिनेट ने प्रदेश में अब बसों में 100 फीसदी सवारियां बैठाने की सैद्धांतिक मंजूरी दी है। यह प्रक्रिया कब से लागू होगी, इसकी अधिसूचना जल्द जारी हो सकती है। इसके बाद शुक्रवार को निजी बस संचालकों ने प्रदेश के नौ जिलों में निजी बसें चलाईं। ऊना-हमीरपुर के ऑपरेटर अभी अपनी मांगों को लेकर अडे़ हैं। निजी बसें चलने से इससे कामकाज के लिए आने-जाने वाले लोगों को राहत मिली है। जिला कांगड़ा में 850 निजी रूटों में से 20 पर ही बसें चलाई गईं।

जिला मंडी में 450 रूटों में से 75, चंबा में 132 में से 18 रूटों पर, सोलन में 220 में से चार रूटों पर निजी बसें चल रही हैैं। ये सभी रूट सोलन-शिमला मार्ग के हैं। वहीं, सोलन के निजी बस ऑपरेटरों ने एक जुलाई से दोबारा सभी रूट ठप करने की चेतावनी दी है। शिमला में एक ही निजी बस चल रही है। जिला कुल्लू में 150 में से 40 रूटों पर बसें चल रही हैं। सोमवार को 40 और रूटों पर सुविधा देने का निर्णय लिया गया है। वहीं, सिरमौर में 160 में से 22 रूटों पर एक जून से ही बसें चल रही हैं। बिलासपुर में 315 निजी बसों में से 6 ही चल रही हैं। इनमें चार बिलासपुर-मंडी, एक डाडासीबा-शिमला और एक बरमाणा बिलासपुर रूट शुरू किए गए हैं। वहीं, किन्नौर में दो दर्जन रूटों में से 3 पर ही निजी बसें चलाई गईं।

हिमाचल में 30 फीसदी से ज्यादा नहीं बढ़ी सवारियों की ऑक्यूपेंसी
प्रदेश मुख्यालय शिमला से विभिन्न जिलों में भेजी जा रहीं बसों में सवारियों की ऑक्यूपेंसी 30 फीसदी से ज्यादा नहीं बढ़ गई है। परिवहन विभाग की ओर से कैबिनेट में दी गई प्रजेंटेशन में इसका खुलासा हुआ है। बीते वीरवार को आयोजित कैबिनेट की बैठक में अधिकारियों द्वारा बताया गया कि कोरोना के चलते लोग बस में बैठने से गुरेज कर रहे है। ऐसे में बसे खाली दौड़ रही हैं।

आईएसबीटी से कुल्लू, मंडी, मनाली, स्योह, हमीरपुर आदि क्षेत्रों को जाने वाली बसों में यात्रियों की संख्या कम हुई है। प्रदेश सरकार ने बसों में 60 फीसदी सवारियों बैठने की आदेश जारी किए है। उधर, एचआरटीसी की बसों में सफर करने के लिए लोगों को रुट और समयसारणी की जानकारी एचआरटीसी की वैबसाइट पर भी उपलब्ध की गई है। लेकिन लोग सीटों की कम बुकिंग कर रहे है। उधर, कोरोना के चलते बसों में सवारियां कम होने से निगम प्रशासन ने प्रदेश भर में रूटों को क्लब किया है।

 

 

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