सेना का अकाउंटेंट फंसा पाकिस्तानी महिला एजेंट के जाल में, रुड़की बीईजी से हुआ गिरफ्तार

सेना का अकाउंटेंट फंसा पाकिस्तानी महिला एजेंट के जाल में, रुड़की बीईजी से हुआ गिरफ्तार

रुड़की
दिल्ली रक्षा मंत्रालय की टीम ने हनीट्रैप और पैसों के लालच में फंसकर पाकिस्तानी महिला एजेंट को सेना की गोपनीय जानकारी भेजने के मामले मे रुड़की बीईजी में तैनात एक अकाउंटेंट को गिरफ्तार किया है। टीम ने उसका मोबाइल कब्जे में लिया है। वहीं, सिविल लाइन्स कोतवाली में आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। टीम उसके मोबाइल को अपने साथ ले गई है। बताया जा रहा है कि उसके मोबाइल में टीम को कई अहम जानकारी मिली है। वहीं, आरोपी को आज पुलिस कोर्ट में पेश करेगी।

सोमवार की देर रात दिल्ली रक्षा मंत्रालय की एक टीम रुड़की बीईजी परिसर पहुंची और सेना के अधिकारियों से वार्ता की। इसके बाद टीम ने वहां से अकाउंटेंट के पद पर तैनात इमामी खान निवासी सिकंदरपुर, बरेली को गिफ्तार कर लिया। बताया जा रहा है कि टीम ने उसका मोबाइल कब्जे में लेकर जांच की। साथ ही देर रात तक टीम ने उससे घंटों तक पूछताछ की।

पूछताछ में आरोपी ने बताया कि कुछ माह पूर्व उसके मोबाइल पर एक नंबर से महिला की कॉल आई थी। जिसने खुद को पकिस्तानी सेना में बड़े पद पर होना बताया था। जिसके बाद उसकी महिला से मोबाइल पर लंबी बातचीत होना शुरू हो गई। इसके बाद महिला ने पैसों का लालच देकर सेना से जुड़े कई गोपनीय दस्तावेज मांगे। पैसों के लालच में आकर उसने इंटरनेट के माध्यम से सेना से जुड़े कई दस्तावेज महिला को भेजे थे। महिला एजेंट ने इसके बाद उसके खाते में कुछ पैसे भी भेजे थे। बताया कि उसकी महिला से मोबाइल पर करीब 200 बार बातचीत हुई है।

घंटों पूछताछ करने के बाद टीम आरोपी को लेकर रात में ही सिविल लाइन्स कोतवाली लेकर पहुंची। यहां बीईजी में ही अकाउंटेंट के पद पर तैनात दीपक गुप्ता की ओर से तहरीर दी गई। कोतवाली प्रभारी देवेन्द्र सिंह चौहान ने बताया कि तहरीर के आधार पर इमामी खान के खिलाफ शासकीय गुप्त बात अधिनियम 1923 के तहत मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार किया गया है। उधर, रात में ही रक्षा मंत्रालय की टीम आरोपी का मोबाइल अपने साथ दिल्ली ले गई। जबकि आरोपी अभी भी बीईजी में है, जिससे सेना के अधिकारी पूछताछ कर रहे हैं।
कई महीनों से रडार पर था आरोपी
बताया जा रहा है कि आरोपी इमाम खान रक्षा मंत्रालय के रडार पर पिछले कई महीनों से था। बताया जा रहा है कि मोबाइल की तकनीकी विश्लेषण में तथ्यों की पुष्टि होने के बाद टीम ने सोमवार की देर शाम रुड़की पहुंचकर आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की है।

चार साल पहले पकड़ा गया था इंजीनियर
रुड़की से हनीट्रैप से जुड़ा यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी हनीट्रैप का मामला सामने आ चुका है। हालांकि, यह मामला रुड़की बीईजी से जुड़ा हुआ है। जबकि करीब चार साल पहले हनीट्रैप के तार भी रुड़की से जुड़े थे। दरअसल, हनीट्रैप के मामले में नागपुर डीआरडीओ में कार्यरत नेहरू नगर, रुड़की निवासी सीनियर इंजीनियर निशांत अग्रवाल को पाकिस्तान महिला को गोपनीय दस्तावेज भेजने के आरोप में गिरफ्तार किया था। उस समय उत्तर प्रदेश एटीएस और मिलिट्री इंटेलीजेंस ने आरोपी के घर से एक लेपटाप बरामद किया था।

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