सीजन की तलाश में नप की जर्जर सड़कें

नाहन (सिरमौर)। शहर भर में आधा दर्जन से अधिक सड़क मार्ग आधे-अधूरे सुरक्षित हैं। यानी सुरक्षा की पुख्ता गारंटी नहीं है। कच्चा टैंक सड़क मार्ग का मुख्य चौराहा, जिला परिषद भवन मार्ग, बीडीओ कार्यालय मार्ग, अस्पताल मार्ग तथा कोर्ट रोड़ का कुछ हिस्सा सहित आधा दर्जन से अधिक मार्गों पर भारी मात्रा में बड़े गड्ढे वाहन चालकों के लिए मुसीबतें खड़ी कर रहे हैं। इस सब के बावजूद हालांकि नगर परिषद का दावा है कि कुछ सड़क मार्गों के जीर्णोद्धार का कार्य पूरा कर लिया गया है।
इनमें सबसे महत्वपूर्ण एसएफडीए हाल की ओर जाने वाला सड़क मार्ग भी शामिल है। इस सड़क मार्ग की दशा को सुधारने के लिए नप को सीजन का इंतजार है। जबकि इसका टेंडर पूरा हो चुका है। स्थानीय निवासी अतुल अग्रवाल, संजय चौहान, दिनेश अग्रवाल, किशन लाल शर्मा, रमेश वर्मा, कार्तिक विरसांटा, विमला वर्मा, नारायण चौधरी, सुमन लता, विवेक मेहता सहित अनीता अग्रवाल का कहना है कि वह पिछले 20-25 सालों से नाहन में हैं। मगर शहर को भीतरी भागों से जोड़ने वाली सड़कों की हमेशा दुर्दशा देखी है।
इन सभी लोगों ने हैरानी जताते हुए कहा कि नगर परिषद सड़कों को सुधारने का काम जोर-शोर से शुरू करती है। मगर एक दो माह में ही सड़कें दांत दिखाना शुरू कर देती हैं। उक्त लोगों का कहना है कि विभाग तथा सरकार के साथ उच्च अधिकारी गुणवत्ता तथा पारदर्शिता जांचने में पूरी तरह से असफल नजर आते हैं।
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बीडीओ कार्यालय मार्ग की अधिक दुर्दशा
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नाहन (सिरमौर)। शहर में बीडीओ कार्यालय मार्ग कई सालों से खस्ता हाल चल रहा है। इसका आंकलन उक्त सड़क मार्ग से गुजर कर किया जा सकता है। हर वर्ष इसकी दशा सुधारी जाती है। मगर सप्ताह भर के बाद ही बदहाल हो जाता है। यही नहीं कार्यालय के ठीक सामने रखा कूड़ा डंपर भी लोगों की आवाजाही के लिए मुसीबत बना है। हफ्तों तक यहां कूड़ा कचरा यूं ही बिखरा रहता है। हालांकि नप इसके लिए स्थानीय लोगों को जिम्मेदार मानता है। मगर खुद नप इस मामले में क्या करती है? इसका जवाब किसी के पास नहीं।
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शहर की कुछ जर्जर सड़कों के टेंडर पास कर दिए गए हैं। सीजन शुरू होते ही कार्य भी आरंभ कर दिया जाएगा। एसएफडीए सड़क मार्ग का टेंडर कर दिया गया है। रानीताल बाग की 60 फीसदी से अधिक हालत चकाचक कर दी गई है। यही नहीं इसके फौरन बाद कालीस्थान तालाब के जीर्णोद्धार का काम शुरू किया जा रहा है। कुछ गलियों तथा सड़कों पर कूड़ा कचरा फेंकने के लिए वहां के स्थानीय लोग जिम्मेदार हैं। कर्मचारियों के अभाव में पूरे शहर की एक साथ सफाई नहीं की जा सकती।
एसएस नेगी, ईओ नगर परिषद, नाहन

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