सीएम त्रिवेंद्र हर विभाग के सचिवों से लेंगे हिसाब, फाइलों की सुस्त रफ्तार से सरकार नाराज

सीएम त्रिवेंद्र हर विभाग के सचिवों से लेंगे हिसाब, फाइलों की सुस्त रफ्तार से सरकार नाराज

देहरादून
उत्तराखंड में  प्रशासनिक व्यवस्था के कंट्रोल रूम राज्य सचिवालय में फाइलों पर कार्यवाही की रफ्तार सुस्त है। इससे मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत नाराज हैं। वह अब शासन के सभी सचिवों से उनके विभागों से जुड़े अनुभागों की फाइलों का हिसाब लेने जा रहे हैं। जिन अनुभागों में फाइलों पर कार्यवाही का रिकॉर्ड खराब होगा, वहां तैनात कार्मिकों को बदलने का अभियान चलेगा।

राज्य में प्रशासन का सर्वोच्च शिखर सचिवालय है। यहां पर प्रदेश सरकार की नीतियों का निर्माण होता है। राज्य प्रशासन को सुविधा के ख्याल से विभिन्न मंत्रालयों व विभागों को बांटा गया है। अक्सर नीतियों व योजनाओं की फाइलें इन विभागों के मंत्रालयों व अनुभागों में फंस कर रह जाती है। जिन पर कोई कार्यवाही नहीं होती है और आम लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
बीते दिनों एक ऐसा ही मामला सामने आया, जहां आदेश होने के 14 महीने तक एक फाइल लटकी रही। मामले की जानकारी मुख्यमंत्री को हुई, तो उनके आदेश पर लोक निर्माण विभाग के एक अनुभाग के अनुभाग अधिकारी से लेकर कंप्यूटर आपरेटर तक को हटा दिया गया। यह मामला संज्ञान में आने के बाद फाइलों पर होने वाली कार्यवाही की स्थिति जांचने की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री ने स्वयं उठा ली है।
उन्होंने सभी सचिवों की बैठक बुलाई है। यह बैठक अगले दो दिन में होगी। इसमें सचिवों से उनके विभागीय अनुभागों में लंबित फाइलों की जानकारी ली जाएगी। जिस अनुभागों में फाइलें एक माह से अधिक लटकी होंगी, उसका कारण पूछा जाएगा। केवल उन्हीं फाइलों के मामले में मुख्यमंत्री नरमी दिखाएंगे, जिनमें देर होने की तार्किक वजह होगी। बेवजह फाइलें डंप करने के मामले में मुख्यमंत्री कड़ा रुख अपना सकते हैं। जिन अनुभागों में फाइलों का रिकॉर्ड खराब होगा वहां तैनात स्टाफ को हटाया जाना लगभग तय माना जा रहा है।

एक और अनुभाग निशाने पर
महीनों फाइल लटकाने के मामले में एक और अनुभाग सरकार के निशाने पर है। जांच चल रही है, यदि फाइल में देरी की कोई तार्किक वजह नहीं मिली तो इस अनुभाग में तैनात पूरे स्टाफ को बदल दिया जाएगा।

फाइलों के मामले में सचिवालय का रिकॉर्ड खराब
फाइलों के मामले में राज्य सचिवालय का रिकॉर्ड बहुत अच्छा नहीं है। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी सचिवालय की कार्य प्रणाली पर अपनी व्यथा जाहिर की थी कि उनकी फाइलों की जलेबी बना दी जाती है। हालांकि उन्होंने भी ई आफिस से इस समस्या का इलाज कराने की ठानी थी। लेकिन ई आफिस शुरू नहीं हो सका।

त्रिवेंद्र सरकार का ई ऑफिस पर फोकस
सचिवालय की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए त्रिवेंद्र सरकार ने ई ऑफिस पर कार्य आरंभ किया है। मुख्यमंत्री कार्यालय समेत अभी तक करीब 16 अनुभाग ही इससे जुड़ पाए हैं। माना जा रहा है कि सचिवों की बैठक में मुख्यमंत्री पूरे सचिवालय को ई आफिस से जोड़ने के लिए कोई न कोई समयसीमा तय करेंगे।

सचिवालय में फाइलों को लेकर मैंने सभी सचिवों की बैठक बुलाई है। इसमें उनके अनुभागों की फाइलों के बारे में जानकारी ली जाएगी। जिन अनुभागों में बिना किसी कारण के फाइलों को लंबे समय तक लटकाने के मामले में मिलेंगे, उनमें निश्चित तौर पर कार्रवाई की जाएगी। सचिवालय पूरे प्रदेश की प्रशासनिक व्यवस्था का केंद्र है। हमने ई आफिस शुरू किया है। इसे जल्द से जल्द सभी अनुभागों से जोड़ा जाएगा।
– त्रिवेंद्र सिंह रावत, मुख्यमंत्री, उत्तराखंड

 

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