सिक्योरिटी गार्डों ने जड़ा शोषण का आरोप

बिलासपुर। मोबाइल टावरों पर तैनात सिक्योरिटी गार्डों ने अपने हक को लेकर आवाज बुलंद करने के उद्देश्य से यूनियन का गठन किया है। नवगठित मोबाइल टावर गार्ड यूनियन ने चेताया है कि यदि उनकी मांगें जल्द पूरी न हुई तो 10 अप्रैल को सुबह 10 बजे से सभी टावर बंद कर दिए जाएंगे। इसके लिए संबंधित कंपनी व प्रशासन जिम्मेदार होंगे।
शुक्रवार को पूर्व विधायक केके कौशल की अध्यक्षता में लक्ष्मी नारायण मंदिर परिसर में आयोजित बैठक में कहा गया कि मोबाइल टावरों पर रखे गए सिक्योरिटी गार्ड शोषण का शिकार हो रहे हैं। लगभग सभी टावरों पर केवल एक-एक गार्ड रखा गया है, जिनसे 24 घंटे ड्यूटी ली जा रही है। कई गार्ड आठ वर्ष का सेवाकाल पूरा कर चुके हैं। नियमित करना तो दूर, उन्हें पहचान पत्र तक जारी नहीं किए गए हैं। श्रम कानूनों की जमकर धज्जियां उड़ रही हैं। प्रशासन व श्रम विभाग को इससे अवगत कराने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
बैठक में प्रस्ताव पारित कर मांग की गई कि सभी टावरों पर कम से कम तीन सिक्योरिटी गार्ड रखे जाएं। उन्हें वही वेतन दिया जाए, जो सरकार सुरक्षा गार्डों को देती है। ईपीएफ की रसीद व नंबर देने के साथ ही उन पर ईएसआई स्कीम भी लागू की जाए। श्रम विभाग के पास पंजीकृत करने के साथ ही आठ वर्ष की अवधि पूरी कर चुके गार्डों को नियमित किया जाए। इस मौके पर यूनियन का गठन भी किया गया। विशाल शर्मा अध्यक्ष, बालकराम व अमर सिंह उपाध्यक्ष, चमनलाल महासचिव, अमरजीत सह सचिव, सरवन कुमार प्रचार सचिव, एडवोकेट प्रवेश चंदेल मुख्य सलाहकार व केके कौशल मुख्य संरक्षक बनाए गए। निर्णय लिया गया कि उनकी मांगें जल्द पूरी न होने की स्थिति में 10 अप्रैल को सभी मोबाइल टावर बंद कर दिए जाएंगे।

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