सात महीने से नौकरी को खा रहा ठोकरें

कंदरौर (बिलासपुर)। करीब बारह साल तक शिक्षा विभाग में सेवादार के पद पर सेवाएं देने के बाद किसी की सेवाएं समाप्त कर दी जाएं तो उसे हैरानी ही होगी। वह भी उस समय जब उसके नियमित होने का समय था। नौकरी ही हाथ में नहीं रही तो नियमितीकरण कैसे होता। दरअसल, मामला उच्च शिक्षा विभाग का है। नियमितीकरण के लिए एक जगह से दूसरी जगह भेजे गए सेवादार को आज तक ज्वाइनिंग नहीं मिली। सात महीने से सेवादार दर-दर की ठोकरें खा रहा है।
मामला उच्च शिक्षा विभाग बिलासपुर का है। मदन लाल निवासी जांगला पिछले करीब बारह साल से शिक्षा विभाग में सेवादार के रूप में सेवाएं दे रहा था। जब उसके नियमित होने का समय आया तो उसे कुछ माह पूर्व ही नौकरी से निकाल दिया गया। उसके साथ इसी पद सेवाएं दे रहे अन्य चार लोगों को नियमित कर दिया गया। कड़ी मशक्कत के बाद मदनलाल को दोबारा 24 अगस्त, 2012 को नियुक्ति मिली। उसे राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला औहर में ज्वाइन करना था। स्कूल प्रधानाचार्य ने ज्वाइनिंग नहीं दी। उन्होंने मदन लाल को शिक्षा उपनिदेशक बिलासपुर भेजा। अब मामला उच्च शिक्षा विभाग में है। करीब सात माह से मदन लाल को अभी तक ज्वाइनिंग नहीं मिल पाई है। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला औहर के प्रधानाचार्य सीता राम नेगी ने कहा कि यदि शिक्षा उप निदेशक ओर से आदेश मिलते हैं तो ही मदन लाल को ज्वाइनिंग दी जाएगी।
उच्च शिक्षा उप निदेशक वीर सिंह ने कहा कि मदनलाल को कुछ दस्तावेज जमा करवाने थे। समय पर दस्तावेज जमा नहीं हुए। ऐसे में उसके नियमितीकरण का मामला लटक गया।

Related posts