सांसद निधि के साढ़े तीन करोड़ फंसे

शिमला। सांसद निधि से विकास कार्यों के लिए दी गई तीस फीसदी रकम कई पेंचों में फंस गई है। करोड़ों की यह राशि जिस मद के लिए जारी हुई, उसमें खर्च नहीं हो पाई। अब यह पैसा वापस नहीं बल्कि पंचायतों की मंजूरी के बाद किसी दूसरे मद में खर्च करने की स्वीकृति दे दी गई। इसके लिए तीन महीने का वक्त दिया गया है। यह पैसा इस दौरान दूसरे विकास कार्य में ट्रांसफर किया जा सकता है।
सांसद निधि से जारी पैसा कई पंचायतों में जस का तस पड़ा हुआ है। कहीं सड़क के लिए फॉरेस्ट का एनओसी नहीं मिला तो कहीं लोगों के आपसी मनमुटाव और तालमेल की कमी के कारण प्रस्तावित योजना में बजट खर्च नहीं हो पा रहा है। विकास कार्य के लिए सांसद निधि से करीब ग्यारह करोड़ दिए गए हैं। इनमें से करीब साढ़े तीन करोड़ इस तरह के झमेलों में फंस कर रह गई है।
शिमला लोकसभा सीट से सांसद वीरेंद्र कश्यप ने कहा कि स्थानीय लोगों के आपसी तालमेल की कमी और अन्य कारणों से जारी हुए फंड में से तीस फीसदी रकम खर्च नहीं हो पाई है। अब निर्देश दिए गए हैं जिन पंचायतों को रकम दी गई है और उस मद में पैसा खर्च नहीं हो पा रहा है तो दूसरे मद में पंचायत की मंजूरी के बाद पैसा ट्रांसफर कर दिया जाए। वीरवार को आयोजित बैठक में केवल दो विकास खंड अधिकारी आए। न आने वाले अफसरों से जवाब तलब के लिए उपायुक्त से आग्रह किया गया है। इसके लिए विकास खंड अधिकारी जवाबदेह हैं। अफसर बैठक में बस अपना विकल्प भेज देते हैं।

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