रोहतक/चंडीगढ़
दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर डटे आंदोलनकारी किसान सरकार पर दबाव बनाकर बातचीत का रास्ता खोलने की रणनीति बना रहे हैं। अब किसान किसी भी तरह से सरकार से बातचीत का क्रम शुरू करना चाहते हैं। इसके लिए हर तरह की रणनीति पर मंथन चल रहा है।
दरअसल तीनों कृषि कानून रद्द करने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे किसानों व सरकार के बीच कई महीने से बातचीत बंद है। इसके लिए सबसे पहले दिल्ली की सीमाओं पर भीड़ बढ़ाने के लिए जोर लगाया जा रहा है। इसके साथ ही संसद कूच की तैयारी के लिए भी किसान रणनीति बना रहे हैं। किसान नेताओं के अनुसार तारीख का एलान जल्द ही किया जाएगा।
इधर, पंजाब के गढ़शंकर में रिलायंस माल के सामने किसानों का दिन-रात चल रहा धरना शनिवार को 199वें दिन भी जारी रहा। धरना सोहन सिंह मोहनोवाल की अध्यक्षता में चल रहा है। किसान नेताओं ने कहा कि मोदी सरकार कॉरपोरेट घरानों के पक्ष में कानून बना रही है।
तीनों कृषि कानून बनाने के पीछे किसानों की जमीन कॉरपोरेट घरानों के सुपुर्द करने की चाल है। उन्होंने कहा कि देश के 22 प्रदेशों में संघर्ष चल रहा है। यह संघर्ष तीनों कानूनों को रद्द करने और एमएसपी की कानूनी गारंटी देने तक जारी रहेगा।