सरकार को स्टांप ड्यूटी से लगा करीब 53 करोड़ का चूना, इन विभागों में वित्तीय अनियमितताएं

सरकार को स्टांप ड्यूटी से लगा करीब 53 करोड़ का चूना, इन विभागों में वित्तीय अनियमितताएं

शिमला

भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक(कैग) की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि सरकार को स्टांप ड्यूटी से करीब 53 करोड़ का चूना लगा है।  उप पंजीयकों ने आवासीय और गैर आवासीय निर्माण संरचना गलत बाजार दर लागू करने से सरकार के खजाने को भी करोड़ों की मार पड़ी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि विभाग में स्टांप शुल्क एवं पंजीयन फीस और भू राजस्व संबंधित 298 लेखा परीक्षा योग्य इकाइयां थी। इनमें लेखा परीक्षा ने वर्ष 2019-2020 के दौरान 147.74 करोड़ की प्राप्तियों के 115 इकाइयों का चयन किया।

राजस्व विभाग से संबंधित कुल 1,36,121 मामलों में से 53,765 मामलों की नमूनों की जांच में स्टांप शुल्क और पंजीयन फीस की कम वसूली, पट्टा नाम पर स्टाप शुल्क कम वसूलने और पट्टा राशि वसूली से यह वित्तीय क्षति हुई है। स्टाप शुल्क और पंजीयन फीस से 17.76 करोड़ की आर्थिक नुकसान हुआ है। पट्टा विलख और स्टांप शुल्क से कम लेने से 5.20 करोड़ की क्षति हुई। सरकारी भूमि का पट्टे देने से 35.44 करोड़, पट्टा राशि की वसूली न होने से 79 लाख का चूना लगा है।

सड़क बनाने के लिए दे दिए झूठे शपथपत्र 
 हिमाचल में सड़क निर्माण में आड़े आने वाली जमीन के झूठे शपथ पत्र दे डाले। इससे सरकार के राजस्व विभाग को 13.32 करोड़ का चूना लगा। उल्लेखनीय है कि सड़क निर्माण के दौरान हिमाचल के कई जगह लोगों की जमीन आड़े आई। इसमें सरकार को चाहिए था कि वह जमीन की रजिस्ट्री विभाग के नाम करे और उसके बाद सड़क का निर्माण कार्य शुरू किया जाए। कैग रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि विभाग ने लोगों से झूठे शपथ पत्र ले लिए और जमीन विभाग के नाम नहीं की। इससे सरकार को घाटा सहन करना पड़ा है। इससे पहले संपत्तियों का मूल्यांकन किया जाना चाहिए था। 
 
परिवहन, अबकारी विभाग में 44 इकाइयों मेें पाई गईंं वित्तीय अनियमितताएं 
परिवहन और आबकारी विभाग में 44 इकाइयों में 257 मामलों में अनियमितताएं पाई गई हैं। इससे विभाग को 41.02 करोड़ का चूना लगा है। यह अनियमितताएं टोकन टैक्स, विशेष पथकर, पंजीयन फीस, परमिट फीस, राष्ट्रीय परमिट योजना के तहत समेकित शुल्क से संबंधित हैं। कैग की रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है। इसके अलावा 572 व्यावसायिक वाहन मालिकों ने भी परिवहन विभाग को यात्री माल कर पर 34.73 लाख की चपत लगाई है। विभाग की ओर से भी इस राशि को वसूल करने की जहमत नहीं उठाई गई। 

अवसूली        मामलों की संख्या           राशि (करोड़ों में)
टोकन कर व समेकित शुल्क          116                     11.22
विशेष पथकर                           27                       23.96
यात्री व मालकर                         11                        2.02
टोकन कर                                9                          0.52
यात्री व माल कर                        21                           1.88
वाहन कर तथा यात्री व मालकर         73                            1.42

वाहनों की बिक्री से फायदा
वाहनों की बिक्री होने से परिवहन विभाग को फायदा हुआ है। वर्ष 2018-19 की तुलना में 2019-20 मेें 3,041 ज्यादा वाहनों की बिक्री हुई है। इससे विभाग को लाभांश प्राप्त हुआ है।

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