सरकार को शराब कारोबारी की चिंता, विधार्थियों से नहीं कोई सरोकार

सरकार को शराब कारोबारी की चिंता, विधार्थियों से नहीं कोई सरोकार

चुनाव के दौरान नेताओ के भाषणों से जनता मंत्र मुग्ध हो जाती है और कल्पना करती है क़ि शायद वो नहीं तो यह सरकार जरूर हमारे बच्चो के भविष्य के निर्माण में बेहतर कदम उठाएगी ! मगर जनता हर बार सत्ता परिवर्तन के पश्चात खुद को तब ठगा हुआ महसूस करती है जब चुनी हुई सरकार की पहली प्राथमिकता उनके बच्चो की शिक्षा दीक्षा नहीं बल्कि बड़े बड़े कारोबारियों के साथ मिलकर उनके भविष्य का निर्माण करना अक्सर देखा जाता है ! ऐसा ही एक वाक्यबिलासपुर जिले में आंगनबाड़ी केंद्र के पास चल रहे शराब ठेके का विरोध हुआ तो ठेके को हटाने के बजाय उल्टा आंगनबाड़ी केंद्र को ही शिफ्ट किया जा रहा है।

Wah re govt... Liquor theka was not shifted on protest, on the contrary changed the Anganwadi center

हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में आंगनबाड़ी केंद्र के पास चल रहे शराब ठेके का विरोध हुआ तो ठेके को हटाने के बजाय उल्टा आंगनबाड़ी केंद्र को ही शिफ्ट किया जा रहा है। यह मामला बिलासपुर जिले के विकास खंड झंडूता की बड़गांव पंचायत का है। ग्रामीणों का आरोप है कि आंगनबाड़ी केंद्र के 20 मीटर दायरे में नियमों के ताक पर रखकर शराब ठेका चलाया जा रहा है। बाल विकास परियोजना अधिकारी कार्यालय झंडूता की ओर से यह आंगनबाड़ी केंद्र सितंबर 2016 से चलाया जा रहा है।

बड़गांव पंचायत प्रधान निक्कू राम के साथ ग्रामीणों सीमा देवी, भूपेंद्र सिंह गुलेरिया, प्रकाश चंद और कांता देवी सहित अन्य आरोप है कि साल 2019 में नियमों को ताक पर रखकर केंद्र के पास ही शराब की दुकान खोल दी गई। इसका विरोध भी किया गया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। उन्होंने बताया कि बीते 23 मई को पंचायत ने आबकारी एवं कराधान विभाग को भी आंगनबाड़ी केंद्र के पास शराब ठेका होने की बात बताई थी। साथ ही विभाग से कार्रवाई की मांग भी की थी। वहीं, एक जून को आंगनबाड़ी केंद्र में आने वाले बच्चों के अभिभावकों की बैठक में भी शराब के ठेके का स्थान बदलने का प्रस्ताव पारित किया गया था।

बाल विकास परियोजना अधिकारी झंडूता ने भी 3 मई को पत्र संख्या 1-13/2006-07 के तहत आबकारी एवं कराधान विभाग घुमारवीं से आंगनबाड़ी केंद्र के पास से ठेका हटाने को कहा था। विभाग ने जब कोई कार्रवाई नहीं की तो बाल विकास परियोजना अधिकारी ने आंगनबाड़ी केंद्र का स्थान ही बदलने का निर्णय किया। बताया जा रहा है कि राजनीतिक दबाव के चलते यह करना पड़ा है।

बाल विकास परियोजना अधिकारी ने 5 जून को आंगनबाड़ी केंद्र को बदलने के आदेश पत्र संख्या 1-13/2006-07 झंडूता 133 के तहत दिए हैं। उधर, अब आंगनबाड़ी केंद्र को शिफ्ट करने के लिए बच्चों के लिए सभी सुविधाओं के साथ कमरा नहीं मिल रहा है। बाल विकास परियोजना अधिकारी के अपने फैसले को बदलकर केंद्र को शिफ्ट करने की कार्रवाई संदेह के घेरे में है। ग्रामीणों ने विभाग से शराब ठेके को हटाने की मांग विभाग और सरकार से की है।

जिला परियोजना अधिकारी हरीश मिश्रा ने बताया कि खबर के माध्यम से इस बारे में जानकारी मिली थी। आंगनबाड़ी केंद्र या किसी भी शिक्षण संस्थान के नजदीक शराब का ठेका नहीं होना चाहिए। आंगनबाड़ी केंद्र अगर उस स्थान पर ठेके से पहले का है तो केंद्र को वहां से नहीं उठाया जा सकता। अगर इस तरह का विभाग की तरफ से कोई प्रपत्र निकला गया है तो इसके बारे में बाल विकास परियोजना अधिकारी झंडूता से जानकारी हासिल की जाएगी। उसके बाद ही कुछ कहा जा सकता है।

उधर, झंडूता के विधायक जीतराम कटवाल ने कहा आंगनबाड़ी केंद्र को शिफ्ट नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने पहले भी ईटीओ से शराब ठेके को शिफ्ट करने की बात कही थी। वह अभी बाहर हैं। वापस आने पर इस बारे में उचित कदम उठाएंगे।

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