समझौता लागू नहीं हुआ तो हड़ताल

हमीरपुर। बीएसएनएल कर्मचारियों ने फोरम के आह्वान पर महाप्रबंधक कार्यालय के बाहर केंद्र सरकार और निगम प्रबंधन के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया। कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि कर्मचारियों को जनवरी 2007 से 78.2 फीसदी आईडीए को मूल वेतन में समाहित करके पुन: निर्धारण करने का निगम प्रबंधन और यूनियनों, एसोसिएशनों के फोरम के बीच 12 जून 2006 को हुए समझौते पर बीएसएनएल बोर्ड की स्वीकृति के बाद डीओटी स्वीकृति नहीं दी तो आगामी माह से कर्मचारी अनिश्चित कालीन हड़ताल पर जाएंगे।
यूनियन के अध्यक्ष एएस कौंडल का कहना है कि पब्लिक एंटरप्राइसिज विभाग ने पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों के लिए जनवरी 2007 से वेतन संशोधन 78.2 फीसदी आईडीए को मूल वेतन में समाहित करने के आदेश दिए गए थे। इसके बावजूद निगम के एग्जिक्यूटिव और नॉन एग्जिक्यूटिव का वेतन मूल वेतन में मात्र 68.8 फीसदी आईडीए को मिलाकर किया गया जो गलत था। इसके चलते कर्मचारियों को काफी नुकसान झेलना पड़ा है। 12 जून 2012 को हुए समझौते के बाद बीएसएनएल के कर्मचारी एवं अधिकारी बेसब्री से समझौते के लागू होने का इंतजार कर रहे हैं लेकिन डीओटी समझौते की फाइल को निश्चित आपत्तियों के साथ बार बार निगम को भेजकर समझौते को लागू करने में विलंब कर रहे हैं। कर्मचारियों में रोष व्याप्त है। धरना प्रदर्शन में एएन नरोता, कर्म सिंह, राम पाल, विपिन, बाबू राम, अशोक कुमार, राजेश, चंद्रशेखर, प्यार सिंह, सुरेश कुमार, जगन्नाथ, रमेश चंद, राम स्वरूप, तिलक राज, सुरजीत कुमार, जोहली राम, अशोक कुमार और प्रेम चंद ने भाग लिया।

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