शिमला
एचपी यूनिवर्सिटी के शोधार्थियों को पिछले आठ महीने से स्कॉलरशिप नहीं मिली है। यूजीसी से स्कॉलरशिप के तौर पर जारी हुआ पैसा कहां गायब हो गया, इसका किसी के पास कोई जवाब नहीं है।
इन शोधार्थियों ने आठ माह से रुकी यह छात्रवृत्ति जल्द जारी करने की मांग की है। शुक्रवार को वित्त अधिकारी दिवाकर कमल से इन्होंने मुलाकात की और अपने मांगें रखीं।
विवि पूर्व एससीए सचिव पियूष सेवल और सह सचिव मोनिका डढा की अगुवाई में मिले शोध छात्रों ने वित्त अधिकारी को बताया कि स्कॉलरशिप न मिलने से ये शोधार्थी दिक्कतों का सामना कर रहे हैं।
छात्रवृत्ति के लिए तरसना पड़ रहा
पियूष ने कहा कि कई महीनों तक छात्र पुस्तकालयों में दिन रात एक कर जेआरएफ और एनईटी की तैयारी कर परीक्षा पास करते है, मगर उन्हें इस परीक्षा के पास करने पर शोध के लिए मिलने वाली छात्रवृत्ति के लिए तरसना पड़ रहा है।
विवि के करीब डेढ़ सौ से अधिक शोधार्थियों को हर माह शोध कार्य को जारी रखने के लिए हजारों खर्च करने पड़ रहे हैं। उन्होंने विवि प्रशासन से राशि का भुगतान करने की मांग उठाई।