शराब माफिया का बचना नामुमकिन

धर्मशाला। अब शराब माफिया का बचना नामुमकिन हो गया है। पुलिस विभाग अब संशोधित एक्साइज एक्ट के तहत मामले दर्ज करने वाली है। नए एक्ट के तहत एक वर्ष से लेकर तीन वर्ष तक का कारावास तथा एक लाख रुपए तक जुर्माना का प्रावधान है। नए एक्ट में जुर्माना और सजा दोनों बढ़ाई गई हैं।
इससे पूर्व पुलिस शराब के मामलों में पंजाब एक्साइज एक्ट का पालन करती थी। पुराने एक्ट के तहत महज छह माह की सजा और 200 से लेकर 500 रुपए तक जुर्माना का प्रावधान था। लेकिन वर्ष 2011 में प्रदेश ने अपने एक्साइज एक्ट की प्रक्रिया शुरू की। विधानसभा में एक्ट को पास करने के बाद सरकार ने बाकी की सभी औपचारिकताएं भी पूरी कर ली हैं। कांगड़ा जिला के बार्डर एरिया में सबसे अधिक अवैध शराब की तस्करी होती है। साथ ही पड़ोसी राज्य पंजाब से सटे इलाकों इंदौरा, डमटाल, कंदरोड़ी तथा कंडवाल समेत अन्य इलाकों में देसी शराब, लाहण समेत अवैध शराब का कारोबार होता है। कांगड़ा पुलिस पूर्व में छापेमारी के दौरान लाखों मिलीलीटर कच्ची लाहण और देसी शराब बरामद करने के संदर्भ में मामले दर्ज कर चुकी है। बावजूद इसके इन क्षेत्रों में अवैध शराब का कारोबार थमा नहीं है।
पुलिस अधीक्षक बलवीर ठाकुर ने कहा कि प्रदेश पुलिस के पास अब अपना एक्साइज एक्ट आ चुका है। इसके तहत एक लाख रुपए जुर्माना और तीन वर्ष तक सजा का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि नशे के अवैध कारोबार को किसी भी सूरत में बर्दास्त नहीं किया जाएगा।

यह है सजा और जुर्माना
चलती भट्ठी से अवैध देसी शराब बरामद होने पर एक लाख रुपए जुर्माना और न्यूनतम तीन वर्ष कारावास का प्रावधान है। लाहण तैयार करने व बेचने के आरोपी को पचास हजार रुपए जुर्माना और न्यूनतम एक वर्ष कारावास, जबकि बिना लाइसेंस के दुकान या अन्य किसी जगह पर देसी व अंग्रेजी अवैध शराब रखने व बेचने पर मौके पर पांच हजार रुपए जुर्माना और न्यूनतम तीन वर्ष की सजा का प्रावधान है।

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