वीरभद्र सिंह ने अरूण जेटली के खिलाफ दायर किया मानहानि का मामला

शिमला: मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने आज सी.जे.एम. की अदालत में भाजपा के वरिष्ठ नेता अरूण जेटली, पूर्व मुख्यमंत्री व विपक्ष के नेता प्रो. प्रेम कुमार धूमल, सांसद व भाजयुमो अध्यक्ष अनुराग ठाकुर तथा अरूण धूमल के खिलाफ मानहानि के कुल तीन केस दायर किए हैं। केस दायर करने के बाद उन्होंने अपने मंत्रिमंडल के सदस्यों, मुख्य संसदीय सचिवों, बोर्ड व निगमों के चेयरमैन तथा कुछ विधायकों की मौजूदगी में मीडिया को ब्रीफ भी किया। जिसमें उन्होंने कहा कि पिछले कुछ समय से धूमल परिवार और कुछ भाजपा नेताओं के खिलाफ चल रही जांच से परेशान धूमल परिवार व अरूण जेटली ने मेरे तथा मेरे परिवार के सदस्यों के खिलाफ दुष्प्रचार का अभियान छेड़ रखा है।

उन्होंने कहा कि मीडिया ट्रायल का सामना मैं कर रहा हूं और मीडिया के पास भी यह लोग तोड़मरोड़ कर तथ्य पेश कर रहे हैं और मेरा पक्ष कहीं पर भी नहीं आ रहा। 50 वर्ष से अधिक के मेरे बेदाग सार्वजनिक जीवन में हासिल किए गए सम्मान एवं प्रतिष्ठा को बचाने के लिए माननीय न्यायालय जाने के सिवा मेरे पास कोई विकल्प नहीं बचा था। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रेम कुमार धूमल ने पहले भी मेरी राजनीतिक हस्ती मिटाने की कोशिशें की हैं। जब वह हिविकां गठबंधन के सरकार चला रहे थे तो उन्होंने सागर-कत्था मामला और सी.बी.आई. को 21 आरोपों की जांच करने के केस भेजा था। तब सागर-कत्था मामले में भी मुझे न्यायालय ने निर्दोष पाया और सी.बी.आई. ने भी मुझे क्लीन चिट दी। तब केंद्र में भी भाजपा के नेतृत्व में एन.डी.ए. सरकार थी।

उन्होंने कहा कि उसके बाद कांग्रेस सत्ता में आई और अनेको मामले धूमल के खिलाफ सामने आए तब मैं चाहता तो उनके खिलाफ केस दर्ज करवा सकता था। लेकिन मैं हिमाचल को दूसरा पंजाब और तमिलनाडू नहीं बनाना चाहता था। परन्तु धूमल ने दूसरी बार सत्ता में आने पर भी यह सिलसिला जारी रखा और झूठी सी.डी. का मामला मेरे खिलाफ दर्ज करवाया। उसमें भी मुझे सैशन कोर्ट ने बाईज्जत बरी किया है। इस मामले में भाजपा सरकार के दबाव में जांच अधिकारियों की संदेहस्पद भूमिका सबके सामने है। महत्वपूर्ण सूचनाओं को न केवल छुपाया गया बल्कि झूठे बयान बी दर्ज किए गए।

उन्होंने कहा कि हिमाचल में गत विधानसभा चुनावों के समय भी अरूण जेतली, प्रेम कुमार धूमल तथा उनके बेटों ने ओच्छे राजनीतिक उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए व्यक्तिगत तौर पर मेरी आयकर रिटर्न व ऋृण लेने आदि के मुद्दे मीडिया उठाया था। लेकिन जनता ने भाजपा को नकारा और उसे सत्ता से बाहर फैंका था। वीरभद्र सिंह ने कहा कि भाजपा के राष्ट्रीय नेताओं को धूमल सरकार के दौरान हजारों लोगों की अवैध फोन टैपिंग पर भी स्थिति सपष्ट करनी चाहिए। यह देश ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में सबसे बड़ा टैप-गेट घोटाला है। लोगों के निजी जीवन में घुसपैठ की गई और उनके राईट टू प्राईवेसी अधिकार का हनन किया गया। धूमल के लिए दूसरों के निजी जीवन का कोई आदर नहीं है।

उन्होंने बताया कि इस मामले की जांच पूरी हो गई है और इसमें शामिल दोषियों को कठोर सजा दिलवाई जाएगी। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार और पक्षपात के आरोप वे लोग लगा रहे हैं जिन्होंने प्रेमू जैसे गरीब व्यक्ति को भी नहीं बख्शा औरक भूमिहीन परिवार को आबंटित भूमि को गैर-कानूनी ढंग से खरीदा। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर अरूण जेतली, प्रेम कुमार धूमल और उनके बेटों के आरोपों में कोई सच्चाई है तो वह मीडिया के बजाय लोकायुक्त में जाएं और एफेडेविट फाईल करें। अगर इन लोगों को लगता है कि वे मुझे घटिया और बेबुनियाद आरोपों से समाप्त कर सकते हैं तो वे काल्पनिक दुनिया में जी रहे हैं। वीरभद्र सिंह ने कहा कि मैं उनकी धमकियों और द्वेषपूर्ण प्रचार के आगे झुकने वाला नहीं हूं। मेरा कानून में दृढ़ विश्वास है।

साईकोठी धूमल ने अलाट किया और चार बार विस्तार दिया
मुख्यमंत्री ने बताया कि साईकोठी प्रेजेक्ट को भाजपा के शासनकाल में 2002 में प्रेम कुमार धूमल की अध्यक्षता वाली कैबनेट ने अलाट किया था। भाजपा सरकार ने ही इसे वर्ष 2009 से 2012 तक चार बार कुल 45 माह 15 दिन की एक्सटेंशन दी थी। कांग्रेस की सरकार ने तो 20 हजार रूपए प्रति मैगावाट प्रति माह की दर से सशर्त 10 माह की एक्सटेंशन दी थी। और शर्तें पूरी न होने पर इसका आबंटन रद्द कर दिया। उन्होंने मैंने वक्कामुल्ला चंद्रशेखर से जुलाई 2011 और नवंबर 2011 के दौरान ब्याज पर चैक के द्वारा ऋण लिया है। उस दौरान भी हिमाचल में भाजपा की सरकार थी। वीरभद्र सिंह ने कहा कि जहां तक मेरे परिवार के सदस्यों द्वार तारिणी इंफ्रांस्ट्रक्चर लिमीटेड में शेयर खरीदने का सवाल है तो शेयरों की खरीद का अधिकार देश के हरेक नागरिक को है।

दो मंत्री और तीन सी.पी.एस. नहीं दिखे
आज मुख्यमंत्री के साथ केवल दो मंत्री कौल सिंह ठाकुर, अनिल शर्मा तथा तीन सी.पी.एस. राजेश धर्माणी, सोहन लाल और रोहित ठाकुर नहीं दिखे। उनके अलावा कैबनेट के सभी सदस्य और सी.पी.एस. प्रेस वार्ता में मौजूद थे।

नैतिकता की ढींगे हांकने वाले अपनी नैतिकता बताएं
वीरभद्र सिंह ने कहा कि अरूण जेटली और प्रेम कुमार धूमल नैतिकता की डींगे हांकते हैं। मैं उनसे हिमाचल क्रिकेट एसोसिएशन को विभिन्न स्थानों पर करोड़ों रूपये की बहुमूल्य सरकारी भूमि आबंटित करने के धूमल सरकार के मामले पर उनकी नैतिकता की जिम्मेदारी के बारे में पूछना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि इस संघ के अध्यक्ष उनके पुत्र अनुराग ठाकुर थे और वह स्वयं इसके सरंक्षक। अनैतिकता का इससे बड़ा उदाहरण क्या होगा कि सोसायटी मिली इस भूमि पर व्यवसायिक गतिविधियां संचालित करने के लिए इसे निजी कंपनी का रूप में बदल दिया गया। उन्होंने कहा कि खिलाडिय़ों के छात्रावास को दी गई भूमि पर पांच सितारा होटल बना दिया गया। शिक्षा विभाग के भवन को इसलिए गिरा दिया गया कि वह स्टेडियम के गेट के आगे की शान में अड़चन था।

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