विधानसभा में कृषि कानूनों पर जमकर हंगामा, सत्ता पक्ष और विपक्ष भिड़े

विधानसभा में कृषि कानूनों पर जमकर हंगामा, सत्ता पक्ष और विपक्ष भिड़े

चंडीगढ़
हरियाणा विधानसभा में सोमवार को भी नए कृषि कानूनों पर माहौल गरमाया रहा। सत्ता पक्ष और विपक्ष में तीखी नोकझोंक और हंगामा हुआ। कांग्रेस के गंभीर आरोपों पर सरकार के मंत्रियों ने पलटवार किया। सरकार ने दिल्ली बॉर्डर पर हुईं किसानों की मौत का ब्योरा सदन पटल पर रखा।

प्रश्नकाल के बाद कांग्रेस के मुख्य सचेतक बीबी बत्रा ने एक बार फिर एपीएमसी अधिनियम में संशोधन के लिए लाए गए निजी विधेयक को रद्द करने का मुद्दा उठाया। इस पर स्पीकर ने उन्हें बार-बार यह मुद्दा न उठाने को कहा। वह बोलते रहे लेकिन स्पीकर ने विधायी कार्य निपटाने शुरू कर दिए। इसके बाद राज्यपाल अभिभाषण पर चर्चा के दौरान कांग्रेस विधायक गीता भुक्कल और अन्यों ने नए कृषि कानूनों और किसान आंदोलन को लेकर सरकार को घेरा।

उन्होंने केंद्र व प्रदेश सरकार पर अनेक गंभीर आरोप लगाते हुए किसानों की मृत्यु का मुद्दा उठाया। भुक्कल ने कहा कि किसानों के लिए सहानुभूति का एक भी शब्द राज्यपाल अभिभाषण में नहीं है। प्रधानमंत्री मन की बात तो करते हैं लेकिन किसानों की बात नहीं करते। जनता के चुने प्रतिनिधियों से किसान अपनी बात कहना चाहते हैं लेकिन सरकार सुनने को तैयार नहीं।

नए कानूनों के लागू होने पर मंडियां व एमएसपी खत्म हो जाएगी। इस पर सरकार की तरफ से संसदीय कार्य मंत्री कंवर पाल, कृषि मंत्री जेपी दलाल व परिवहन मंत्री मूल चंद शर्मा ने पलटवार किया। उन्होंने कहा कि बताएं कहां मंडियां व एमएसपी खत्म हुई।

किसानों को मौत के लिए उकसाने के जिम्मेदार कांग्रेस नेता : कंवर पाल
कंवरपाल ने कहा कि किसानों को मौत के लिए उकसाने के जिम्मेदार कांग्रेस नेता हैं। कांग्रेस विधायक सदन को गुमराह कर रहे हैं। आंदोलनरत किसानों की मौत पर हमें भी दुख है। किसी की भी मौत दुखदायी होती है लेकिन बॉर्डर पर किसानों की मौत के लिए कांग्रेसी व वे नेता सीधे-सीधे जिम्मेदार हैं जिन्होंने बुजुर्ग किसानों को भी धरने पर बैठने के लिए उकसाया। इन नेताओं को चाहिए था कि बुजुर्ग किसानों के स्वास्थ्य का ध्यान रखते। 

कांग्रेस विधायक बताएं कि कृषि कानूनों में क्या काला है? उन्होंने चुनौती देते हुए कहा कि तथ्यों पर आधारित बात करें। हम सदन में हर तथ्य प्रस्तुत करने और यह जानकारी देने को तैयार हैं कि कांग्रेस के 10 साल के शासनकाल में कौन सी फसल कितनी खरीदी गई और कितना भुगतान किया गया।

बोलने के लिए और समय न मिलने पर वेल में पहुंचीं भुक्कल
गीता भुक्कल दस मिनट से अधिक समय से सदन में बोल रहीं थीं। इसी दौरान स्पीकर की भूमिका निभा रहीं भाजपा विधायक सीमा त्रिखा ने उन्हें अपनी बात जल्दी खत्म करने को कहा लेकिन वह बोलती रहीं। त्रिखा ने भाजपा विधायक निर्मल रानी को बोलने के लिए मौका दे दिया। इसका विरोध करते हुए भुक्कल वेल में पहुंच गईं। इस पर स्पीकर ने उन्हें एक मिनट का समय और दे दिया। भुक्कल इसमें भी अपनी बात पूरी नहीं कर पाईं।

दिल्ली बॉर्डर पर 68 किसानों की मौत
सरकार ने सोमवार को विधानसभा में किसान आंदोलन के दौरान मृत्यु को प्राप्त किसानों का ब्योरा रखा। कांग्रेस विधायक आफताब अहमद व इंदु नरवाल ने यह सवाल पूछा था। सरकार ने बताया कि आंदोलन के दौरान 68 किसानों की मौत हुई है। मरने वालों में 21 हरियाणा और 47 पंजाब के किसान हैं। 51 लोगों की मौत स्वास्थ्य कारणों से हुई व 15 की सड़क हादसों में। दो लोगों ने आत्महत्या की है। मृतकों के परिजनों को वित्तीय सहायता देने का कोई विचार नहीं है। न ही शहीद का दर्जा दिया जाएगा।

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