विद्युत बोर्ड में कर्मचारियों का टोटा

हमीरपुर। आखिर ऐसे कैसे हमीरपुर के बिजली उपभोक्ताओं को राहत मिल सकती है। अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बोर्ड के पास फ्यूज डालने तक के लिए कर्मचारी नहीं है। ऐसे में जब शहर या गांव में लाइट चली जाए तो अगले दिन का इंतजार करना पड़ता है। दूसरे दिन ही विद्युत सेवाएं बहाल हो पाती हैं। विद्युत बोर्ड में कर्मचारियों का अकाल पड़ा हुआ है। दफ्तरों में और फील्ड स्टाफ के कई पद रिक्त पडे़ हुए हैं। चपरासी तक का काम साहबों को करना पड़ रहा है। विद्युत उपमंडल हमीरपुर-2 में कर्मचारियों की कमी के कारण व्यवस्था बुरी तरह से चरमरा गई है। कर्मचारियों की कमी का सीधा असर उपभोक्ताओं पर पड़ रहा है। वहीं इस कमी के कारण सेवारत कर्मचारियों पर भी काम का बोझ बड़ गया है।
विद्युत उपमंडल-2 में कुल 16 हजार उपभोक्ता हैं लेकिन कर्मचारियों की कमी के कारण इन उपभोक्ताओं को सही सुविधा देना बोर्ड के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। यदि किसी क्षेत्र में फ्यूज चला जाए तो बोर्ड के पास उसे ठीक करने के लिए भी कर्मचारी नहीं है। उपमंडल में फील्ड स्टाफ की कमी के कारण उपभोक्ताओं को सही सुविधा नहीं मिल पा रही है। उपमंडल में 32 लाइनमैन की जरूरत है लेकिन वर्तमान में 14 लाइनमैन सेवारत हैं। एएलएम के 38 पदाें के अगेंस्ट 9 कर्मचारी सेवाएं दे रहे हैं। टी मेट के 38 पदाें के अगेंस्ट 14 कर्मचारी सेवाएं दे रहे हैं।
कार्यालय में आफिस स्टाफ के बहुत से पद रिक्त पडे़ हुए हैं। कार्यालय में 18 लिपिकों के अगेंस्ट 7, कैशियर के चार पदों के अगेंस्ट एक भी पद भरा हुआ नहीं है। सीनियर असिस्टेंट के चार पद रिक्त पडे़ हुए हैं। साथ ही कार्यालय में चपरासी का एक भी पद भरा हुआ नहीं है जिससे बोर्ड कार्यालय में अव्यवस्था हावी है। अधिकारी ही चपरासी का काम कर रहे हैं। इस संदर्भ में एसडीओ राज कुमार गौतम का कहना है कि बोर्ड में कर्मचारियों की कमी है। फ्यूज डालने तक के लिए कर्मचारी नहीं है।

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