विंटर सीजन में पर्यटकों को लुभाने के लिए यहां तैयारियां शुरू, जानिए क्या है खास इंतजाम

शिमला/मनाली: विंटर सीजन में देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों को लुभाने के लिए तैयारियां शुरू हो गई हैं। हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम (एच.पी.टी.डी.सी.) ने विंटर सीजन के आगमन को देखते हुए विंटर पैकेज भी जारी कर दिया है। पैकेज के तहत 16 नवंबर से पर्यटकों को चयनित एच.पी.टी.डी.सी. के चयनित होटलों में 20 से 40 प्रतिशत तक किराए में छूट प्रदान की जाएगी।
विंटर पैकेज का लुत्फ पर्यटक 31 मार्च, 2017 तक उठा सकेंगे। इस सीजन के दौरान पर्यटकों के हिमाचल आगमन को यादगार बनाने के लिए खास तैयारियां की जाएंगी। क्रिसमस के उपलक्ष्य पर और नववर्ष की पूर्व संध्या पर होटलों में कार्यक्रम होंगे। होटल इंडस्ट्री स्टेक होल्डर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष एम.के. सेठ ने कहा कि विंटर सीजन के दौरान विभिन्न राज्यों से आने वाले पर्यटकों के स्वागत के लिए होटल प्रबंधन तैयार हैं। उन्होंने कहा कि शिमला-परवाणु हाईवे पर चल रहे फोरलेन के कार्य में तेजी लाई जाए, ताकि विंटर सीजन के दौरान शिमला व आसपास के क्षेत्रों में आने वाले पर्यटकों को यहां पहुंचने में कोई परेशानी न हो।
स्नो कटर से हटाई जाएगी बर्फ 
शिमला में बर्फबारी की स्थिति से निपटने के लिए शिमला नगर निगम व्यापक प्रबंध करेगा। इसके लिए नगर निगम के परिधि में आने वाले क्षेत्रों में सड़कों से स्नो कटर से बर्फ को हटाया जाएगा। इसके अलावा बर्फ हो हटाने के लिए अतिरिक्त लेबर भी तैनात की जाएगी। बर्फबारी होने की स्थिति में उत्पन्न होने वाली समस्याओं को दूर करने के लिए शिमला के हर वार्ड में नोडल अधिकारी तैनात किए जाएंगे।
मौसम देख कर ही मढ़ी से आगे भेजे जाएंगे पर्यटक
पर्यटन नगरी मनाली में सर्दियों ने दस्तक दे दी है। लाहौल सहित कुल्लू-मनाली की उंची चोटियों में बर्फ  के फाहे गिरने का क्रम शुरू हो गया है। मनाली की एस.डी.एम. मनाली ज्योति राणा ने कहा कि रोहतांग दर्रे में अचानक होने वाली बर्फबारी से निपटने की तैयारियां कर ली गई हैं। प्रशासन ने रैस्क्यू टीम का गठन कर लिया है। मढ़ी में पहले से ही स्थापित पुलिस चौकी में तैनात कर्मी मौसम की परिस्थितियों पर नजर रखे हुए हैं। मौसम देख कर कर ही मढ़ी से आगे पर्यटकों को भेजा जाएगा। नवम्बर 15 को मढ़ी में रैस्क्यू पोस्ट स्थापित की जाएगी लेकिन अगर मौसम पहले ही खराब हो गया और दर्रे में बर्फबारी हो गई तो उसे इससे पहले भी स्थापित किया जा सकता है। उन्होंने पर्यटकों से भी आग्रह किया कि वे प्रशासन का सहयोग करें और मौसम की परिस्थितियां देखकर ही रोहतांग दर्रे का रुख करें।

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