वाहन की मरम्मत व्यय देने के आदेश

मंडी। जिला उपभोक्ता फोरम ने विक्रेता को वाहन की मरम्मत पर व्यय 54,388 रुपये की राशि उपभोक्ता के पक्ष में ब्याज सहित अदा करने का फैसला सुनाया है। इसके अलावा विक्रेता की सेवाओं में कमी के कारण उपभोक्ता को हुई परेशानी के बदले 10,000 रुपये हर्जाना और 3000 रुपये शिकायत व्यय भी अदा करने के आदेश दिए। जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष जेएन यादव और सदस्य रमा वर्मा ने जिला हमीरपुर की नादौन तहसील के खोराड (गलोरी) गांव निवासी रीता देवी पत्नी सुरजीत सिंह की शिकायत को उचित मानते हुए गुटकर स्थित वाहन विक्रेता कंपीटेंट आटोमोबाइल को उपभोक्ता के पक्ष में उक्त राशि नौ प्रतिशत बयाज दर सहित अदा करने के आदेश दिए। अधिवक्ता भानु प्रताप के माध्यम से फोरम में दायर शिकायत के अनुसार उपभोक्ता ने अपनी मारुति स्वीफ्ट कार को विक्रेता के पास सर्विस के लिए भिजवाया था। इसके बाद यह वाहन उपभोक्ता को यह कह सौंप दिया गया था कि इसकी आवश्यक रिपेयर कर दी गई है, लेकिन सर्विस के कुछ ही दिन बाद वाहन की पिकअप में समस्या आ गई। इस पर वाहन को फिर से विक्रेता के पास ले जाया गया। उपभोक्ता को बताया गया कि वाहन का फ्यूल इंजेक्टर पंप खराब हो गया है और इसे बदलना होगा। इस पर उपभोक्ता का कहना था कि वाहन 19 अक्तूबर 2014 तक एक्सटेंडेड वारंटी अवधि में है। ऐसे में इंजेक्टर को बिना राशि वसूले बदला जाए, लेकिन विक्रेता ने ऐसा करने से मना कर दिया। इसके चलते उपभोक्ता ने फोरम में शिकायत दर्ज करवाई थी। फोरम ने अपने फैसले में कहा कि उपभोक्ता को मुहैया करवाई गई वारंटी पालिसी की शर्तों में यह कहीं नहीं दर्शाया गया है कि फ्यूल इंजेक्टर पंप में कवर नहीं होता है। फोरम ने विक्रेता के वारंटी अवधि में पंप बदलने के लिए राशि वसूलने को सेवाओं में कमी करार दिया। फोरम ने विक्रेता को उपभोक्ता द्वरारा मरम्मत पर खर्च की गई राशि ब्याज सहित अदा करने के अलावा सेवाओं में कमी के कारण उपभोक्ता को हुई परेशानी और असुविधा के बदले हर्जाना और शिकायत व्यय भी अदा करने का फैसला सुनाया।

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