लोगों को नहीं मिला डेढ़ करोड़ का पानी

लडभड़ोल (मंडी)। ऊटपुर पंचायत के तीन गांवों की प्यासी जमीन को हरा-भरा बनाने की योजना सिरे नहीं चढ़ सकी। योजना को बनाने में विभाग ग्यारह साल लगा चुका है। लेकिन डेढ़ करोड़ की उठाऊ सिंचाई योजना का काम अभी तक पूरा नहीं हो सका है। विभाग इसका ठीकरा जहां जनता के सिर फोड़ रही है वहीं जनता विभाग की नाकामी को जिम्मेवार ठहरा रही है। लोगाें का आरोप है कि सरकार ने यह योजना जनता से कहीं ज्यादा ठेकेदाराें के हित में बनाई थी।
पंचायत ऊटपुर के तीन गांवाें सांडा, घटोड़ और ऊटपुर के किसानों की खुशहाली के लिए ग्यारह वर्ष पूर्व सरकार ने ऊटपुर उठाऊ सिंचाई योजना का कार्य शुरू किया था। योजना के लिए बनने वाला मेेगा सिस्टम अभी तक नहीं बन पाया है। घटोड़ और सांडा गांव में पानी को बांटने के लिए न तो पाइपें बिछाई गई हैं न ही टंकियों का निर्माण हो पाया है। पंचायत की अस्सी फीसदी आबादी इन गांवों में रहती है। स्थानीय निवासी जनक सिंह, विनोद कुमार, सत्यागर सिंह, दलीप सिंह, मेहर सिंह, ध्यान सिंह और बलवीर का कहना है कि विभाग जनता पर सहयोग न करने का बहाना बना रहा है। विभाग ने पहले खुद लोगाें से अनापत्ति प्रमाणपत्र नहीं लिए। किसान राजमल के मुताबिक विभाग उसके आंगन से पानी की मुख्य पाइप गुजारना चाहता है। मुख्य पाइप को सड़क से भी गुजारा जा सकता है। आरोप लगाया कि विभाग अपनी मनमानी पर अड़ा हुआ है। विभाग ने शुरुआती दौर में ही खेतों के बीच सीमेंट की कूहलें बना दी हैं। इससे कई खेत क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। लोगाें ने कूहलें तोड़ डाली हैं। इसके बाद विभाग ने मोगा सिस्टम की योजना बनाई। लेकिन योजना अभी तक सिरे नहीं चढ़ सकी। योजना के पंप हाउस की मोटरें भी नहीं चल सकी हैं। जैक वैल मिट्टी और रेत से भरे पड़े हैं। विभाग के एसडीओ पीसी वर्मा ने कहा कि ग्रामीणों की वजह से स्कीम पूरी नहीं हुई है। ग्रामीणाें के सहयोग करने पर योजना के कार्य को जल्द पूरा किया जाएगा।

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