लैपटॉप मामले में याचिका पर सुनवाई टली

शिमला। राज्य सरकार की ओर से प्रदेश के मेधावी छात्रों को लैपटॉप देने के मामले में कथित तौर पर हुई धांधलियों के आरोपों को लेकर दायर याचिका की सुनवाई 23 दिसंबर तक टल गई है। सरकार ने मेधावी छात्रों को दस इंच लैपटॉप दिया जाना सही ठहराया है। सरकार की दलील है कि दस इंच लैपटॉप प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियों के लिहाज से छात्रों के हित में है। सरकार के अनुसार यदि मेधावी छात्रों को 14 इंच लैपटॉप दिए जाते हैं तो सरकार पर दो करोड़ का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मंसूर अहमद मीर और न्यायाधीश कुलदीप सिंह की खंडपीठ के समक्ष उक्त मामले की सुनवाई 23 दिसंबर को निर्धारित की है। याचिका में आरोप है कि सरकार की ओर से प्रदेश के मेधावी छात्रों को लैपटॉप देने का जो निर्णय लिया गया है, वह मात्र दिखावा है। जिस कंपनी को लैपटॉप मुहैया करवाने का टेंडर दिया है, उसकी ओर से घटिया क्वालिटी और पुरानी तकनीक वाले लैपटॉप दिए जाएंगे। सरकार ने टेंडर नोटिस जारी करने से पहले कंप्यूटर विशेषज्ञों की राय नहीं ली है। टेंडर नोटिस के अनुसार लैपटॉप की चौड़ाई 14 इंच से कम होगी, जिससे छात्रों की दृष्टि पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा। प्रार्थी फेडरेशन ने अदालत से गुहार लगाई है कि टेंडर नोटिस को रद्द किया जाए और राज्य सरकार को आदेश दिए जाए कि कंप्यूटर विशेषज्ञों की राय लेने के बाद ही लैपटॉप बांटने की प्रक्रिया को शुरू किया जाए।

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