लखन भइया फर्जी मुठभेड़ कांड में 21 लोगों को उम्रकैद की सजा

मुंबई: माफिया सरगना छोटा राजन का सहयोगी माने जाने वाले राम नारायण गुप्ता उर्फ लखन भइया के फर्जी मुठभेड़ मामले में महानगर की एक अदालत ने 13 पुलिस अधिकारियों समेत सभी 21 आरोपियों को आज उम्रकैद की सजा सुनाई। मुठभेड़ करने वाले पुलिस दल के मुखिया तथा पूर्व वरिष्ठ पुलिस इंस्पेक्टर प्रदीप सूर्यवंशी, तानाजी देसाई और दिलीप पलांदे उन 21 आरोपियों में शामिल हैं जिन्हें सत्र अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई।

सूर्यवंशी, देसाई और पलांदे को इस मामले में हत्या के लिए दोषी ठहराया गया जबकि ‘एनकाउंटर स्पेशलिस्ट’ के नाम से चर्चित पुलिस अधिकारी प्रदीप शर्मा को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया।

शर्मा के मामले में अभियोजक मामला साबित नहीं कर सका। इस मामले की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष के 110 से ज्यादा गवाह और बचाव पक्ष के दो गवाह पेश हुए। अभियोजन पक्ष ने सोमवार को सूर्यवंशी समेत सभी पुलिसकर्मियों को इस आधार पर सजाए मौत सुनाने का आग्रह किया था कि उन्होंने हत्या में सक्रिय भूमिका निभाई थी। उसने दो गैर-पुलिस कर्मियों – शैलेंद्र पाण्डेय और अखिल खान के लिये भी सजाए मौत का आग्रह किया था।

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