हिमाचल में जल्दबाजी में लागू किए गए राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान की खामियों के चलते साल 2013 से 2015 के दौरान ग्रेजूएशन करने वाले हजारों युवा टीजीटी की भर्ती से बाहर हो गए हैं। रूसा के सब्जेक्ट कांबिनेशन का टीजीटी के आरएंडपी नियमों से मेल नहीं होने के चलते यह नई समस्या खड़ी हुई है। इस मामले को सुलझाने को सरकार ने प्रदेश विश्वविद्यालय के कुलपति और प्रारंभिक शिक्षा निदेशक की अगुवाई में इक्वीलेंस कमेटी गठित की है। इस कमेटी की जांच के बाद आगामी फैसला होगा।दिसंबर में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में सरकार ने शिक्षकों की विभिन्न श्रेणियों के 3636 पद भरने का फैसला लिया है। इसमें 1304 पद टीजीटी के लिए हैं। रूसा के सब्जेक्ट कांबिनेशन के विवाद के चलते फिलहाल इस भर्ती को अभी रोक दिया है। इससे पहले सरकार ने एसएमसी शिक्षकों को बाहर करने की तैयारी की थी लेकिन, मामला फंसने से अब प्रारंभिक शिक्षा विभाग ने बीच का रास्ता निकालते हुए सेवा विस्तार का प्रस्ताव तैयार कर सरकार को भेजा है।
शीतकालीन स्कूलों के 1800 शिक्षकों का 31 दिसंबर को सेवाविस्तार समाप्त हो चुका है जबकि, 600 शिक्षकों का करार 31 मार्च को समाप्त होगा। बताया जा रहा है सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन अस्थायी शिक्षकों के मामले के चलते भी एसएमसी शिक्षकों को लेकर सरकार अभी कोई फैसला नहीं ले रही है। सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद इनके भविष्य को लेकर निर्णय होगा।