राहुल ने नेताओं से कहा, पार्टी के नियम-कायदों को ठीक से पढ़ लें

नई दिल्ली: कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने अपनी पार्टी के पदाधिकारियों से औपचारिक संवाद के दौरान नियम-पुस्तिका पढऩे और भावनात्मक तौर पर एकजुट रहने पर जोर दिया। इस बैठक में कांग्रेस नेताओं ने पार्टी में टिकट बांटने और कार्य विभाजित करने की व्यवस्था में खामी बताते हुए इसकी आलोचना की।

पार्टी उपाध्यक्ष ने प्रखंड से राज्य स्तर तक ऐसी चर्चा करने के प्रति अपनी उत्सुकता जाहिर की। उन्होंने कांग्रेस के संविधान को एक ‘‘क्रांतिकारी दस्तावेज’’ करार दिया लेकिन यह जोर देकर कहा कि सबसे जरूरी यह होना चाहिए कि हम इसके प्रावधानों को उचित तरीके से कैसे लागू करें।

पिछले महीने जयपुर में हुए ‘चिंतन शिविर’ में भी राहुल ने कांग्रेस के कामकाज में नियमों के अभाव की आलोचना की थी और हैरत जताई थी कि पार्टी कामकाज किस तरह करती है। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी में चर्चा के दौरान भी राहुल को जोर इस बात पर था कि पार्टी को एक खास तरीके और नियमों के मुताबिक काम करना चाहिए।

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के नेताओं के साथ तीन दिन तक चली बैठक के आखिरी दिन आज पार्टी महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘राहुल गांधी ने कहा कि वह राज्य स्तर पर भी ऐसी बैठकें करना चाहते हैं और यदि जरूरत पड़ी तो वह जिला एवं प्रखंड स्तर पर भी ऐसी बैठकें करेंगे। जब कभी कोई कार्यक्रम तय किया जाएगा, तो आपको सूचना दे दी जाएगी।’’

नियमों को लागू कराने पर राहुल ने ऐसे समय में जोर दिया है जब इस तरह की शिकायतों में इजाफा हो रहा है कि पार्टी में प्रदर्शन की अनदेखी की जाती है और जो लोग सरकार में शामिल हैं वे संगठन को ज्यादा तवज्जो नहीं देते। कमेटी के कई महासचिवों ने काम नहीं दिए जाने और पार्टी में अनदेखी की शिकायत की। राहुल ने पार्टी कार्यकर्त्ताओं के बीच भावनात्मक सद्भाव की जरूरत पर जोर दिया और कहा कि कार्यकर्त्ता पार्टी को एक परिवार समझें।

शुक्रवार को राहुल ने कहा था कि सभी नेताओं में आपस में मित्रता का भाव होना चाहिए। पिछले दो दिन हुई बैठक के बारे में मीडिया में खुलकर बताया गया था लेकिन समझा जाता है कि पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने चेतावनी बैठक में शामिल हुए लोगों को चेतावनी दी कि वे प्रेस को कोई जानकारी लीक न करें।

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