राम की ‘राजनीति’ पर सुप्रीम कोर्ट सख्त

इलाहाबाद: संगम नगरी इलाहाबाद के महाकुंभ में राम मंदिर का पुराना राग फिर गहरा गया है। विशव हिन्दू परिषद् की और से धर्म सांसद का आगाज किया गया है। जिसमें बीजेपी आरएसएस और विहिप ने राम मंदिर बनाने पर फिर से जोर देना शुरू कर दिया है। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने महाकुंभ में एक बार फिर राम मंदिर निर्माण का संकल्प दोहराते हुए कहा कि राम मंदिर देश की अस्मिता का सवाल है उन्होंने कहा कि हम देश को एक स्वस्थ देश बनाएंगे और ये एक सनातन धर्म द्वारा होगा।

भागवत ने कहा कि रावण से लडऩा है लेकिन हमारी सहायता करने वाले कोई बड़े लोग नहीं हैं। नरेन्द्र मोदी पर भागवत ने कहा कि मोदी मेरे मित्र हैं और राजनीतिक तौर पर मैं कुछ नहीं बोलता हूं। दूसरी तरफ राम मंदिर की राजनीती पर सुप्रीम कोर्ट फिर सखत हो गई है। सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को आड़े हाथो लेते हुए कहा कि आखिर क्यूं राम मंदिर पर राष्ट्रीय महत्व के इस मुद्दे को की तरफ ध्यान नहीं दिया जा रहा सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई की देरी पर सवाल उठाते हुए कहा कहा जब इस मामले में अडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, पर दोष थे तो क्यूं उनको बरी कर दिया गया।

सीबीआई की और से बार बार मामला टालने से सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को कड़ी फटकार लगते हुए कहा कि अब तक के मिले दस्तावेज के आधार पर ही बहस होगी बुधवार को बीजेपी अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) के मंच से अयोध्या के मुद्दे को उठाते हुए कहा था कि पार्टी राम मंदिर के निर्माण को प्रतिबद्ध है। राजनाथ ने कहा कि यह लाखों हिन्दुओं की दिली इच्छा है और भाजपा निश्चित तौर पर अपना काम करेगी।

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