रामपुर में स्पीति के तीस तीर्थयात्री फंसे

रामपुर बुशहर। लाहौल स्पीति जिले के स्पीति के करीब ढाई दर्जन लोग चार दिन से रामपुर में फंसे हुए हैं। भारी बर्फबारी से नेशनल हाईवे-22 बंद होने पर वे अपने घर नहीं जा पा रहे हैं। इन लोगों ने घर जाने के लिए सरकार से हेलीकाप्टर सेवा की मांग की है। सोमवार को एसडीएम रामपुर के माध्यम से लोगों ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी भेजा। स्पीति निवासी पनमा नामज्ञल, पसंग डोलमा, छेरिंग दोरजे, डोलमा बुटित, दोर्जे डोलमा, टाशी डोलमा, छेरिंग मिगजोम, रिंगचेन डोलकर, छेरिंग तरगे, अनी पदमा, तकपा दोर्जे, नवांग फुंचोक, कलजंग लामो, पनमा अंगमो, सोनम अंगदुई, संतोष कुमारी, डोलकर, पनमा अंगमो, छेरिंग नरगू, केसंग दोर्जे, दिकित तथा छेरिंग सोमवार को रामपुर में एसडीएम दलीप नेगी से मिले और उन्हें समस्या से अवगत करवाया। इन लोगों ने एसडीएम के मार्फत सीएम वीरभद्र सिंह को ज्ञापन भी भेजा और घर जाने के लिए हेलीकाप्टर सेवा की मांग की। इनका कहना है कि वे चार दिन से रामपुर में होटलों में रह रहे हैं। अब तो उनके पास खाने और कमरे का किराया देने के लिए भी पैसे नहीं बचे हैं। इसलिए सरकार उनके लिए हेलीकाप्टर सेवा उपलब्ध कराए। स्पीति ब्लाक के ये लोग तीर्थ यात्रा पर आगरा, नेपाल, देहरादून, नैनीताल आदि क्षेत्रों में गए थे। 17 जनवरी की शाम को वे रामपुर पहुंचे, लेकिन रात को भारी बर्फबारी होने से वे अगले दिन घर नहीं निकल पाए। इसके चलते उन्हें मजबूरन यहां होटलों में शरण लेनी पड़ी। एसडीएम दलीप नेगी ने बताया कि ज्ञापन सरकार को भेज दिया गया है। सरकार के दिशानिर्देश पर ही अगला कदम उठाया जा सकेगा।

किन्नौर के लोगों ने भी मांगी सुविधा
रामपुर में किन्नौर जिले के चांगो, नाको समेत अन्य ऊपरी इलाकों के लोग भी फंसे हुए हैं। तमजिन, जवल राम, डोलमा, छेरिंग तथा शेरप ज्ञाछो ने सोमवार को एसडीएम से मुलाकात की और घर जाने के लिए हेलीकाप्टर सेवा की मांग उठाई।

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