राणा की सजा, आतंकवादियों के लिए सबक

शिकागो: पाकिस्तानी मूल के कनाडाई नागरिक तहव्वुर राणा को ‘कड़ी’ सजा देकर उन सभी लोगों को कड़ा संदेश दिया जाना चाहिए कि जो प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्त होने की योजना बना रहे हैं। अमेरिकी अभियोजकों ने कहा कि संदेश दिया जाना चाहिए कि वे पकड़े जाने और सजा पाने से नहीं बच सकते। मुंबई पर आतंकवादी हमले में शामिल रहे डेविड हेडली के सहयोगी 52 वर्षीय राणा को कल 14 वर्ष कैद की सजा सुनाई गई और रिहाई के बाद पांच वर्षों तक उस पर नजर रखी जाएगी।

पाकिस्तान के लश्कर ए तैयबा को साजो-सामान मुहैया कराने और डेनमार्क के एक अखबार पर हमले का षड्यंत्र रचने का दोषी पाए जाने पर उसे सजा सुनाई गई। इलिनोइस के कार्यवाहक अमेरिकी अटॉर्नी गेरी एस. शापिरो ने कहा, ‘यह कड़ी सजा संभावित आतंकवादियों के लिए कड़ा संदेश होना चाहिए कि वे बच नहीं सकते, आतंकवादी संगठनों को सहयोग कर पकड़े जाने और सजा से नहीं बच सकते।’ अमेरिका के डिस्ट्रिक्ट जज हैरी डी. लिनवेबर ने राणा के वकील और सरकारी वकील की बहस सुनने के बाद यह फैसला दिया।

सजा की अवधि पर बहस हुई। अंतिम क्षणों में हुई बहस करीब डेढ़ घंटे चली। एफबीआई के शिकागो कार्यालय के विशेष प्रभारी एजेंट ने कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि न्यायाधीश के आज के निर्णय से उन लोगों को संदेश मिलेगा जो हमले का षड्यंत्र कर रहे हैं और जो लोग षड्यंत्र को सफल बनाने के लिए सहयोग कर रहे हैं, चाहे वे यहां हों या विदेश में उन्हें उनके कृत्यों के लिए जवाबदेह बनाया जाएगा।’

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