राजनाथ ने पेश किया 100 दिन का लेखा-जोखा बोले, T-20 मैच नहीं गृह मंत्रालय

नई दिल्ली: केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने आज कहा कि माओवाद, पूर्वोत्तर में उग्रवाद और जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए बड़ी चुनौती हैं तथा सरकार इनसे निपटने के लिए अलग-अलग व्यापक नीति बना रही है। अपने मंत्रालय के 100 दिन के कामकाज का लेखा-जोखा देने के लिए यहां बुलाए गए संवाददाता सम्मेलन में राजनाथ ने कहा कि चुनाव घोषणा पत्र में जो वायदे किए गए थे, सरकार ने उनको पूरा करने की दिशा में पहल शुरू कर दी है।

राजनाथ ने कहा, ‘‘सरकार माओवाद से निपटने में संतुलित रुख अपनाने की पक्षधर है। यदि वे हिंसा का रास्ता छोड़ देते हैं तो सरकार उनसे बात करने को तैयार है।’’ उन्होंने कहा कि सरकार की नीतियों के कारण गत 26 मई से 15 अगस्त के बीच कुल 132 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में केवल 44 माओवादियों ने हथियार डाले थे। सीमापार से घुसपैठ पर उन्होंने कहा कि इससे निपटने के लिए भी व्यापक सीमा प्रबंधन के क्षेत्र में कदम उठाए जाने की जरूरत है। सरकार इसके लिए भी नीति बना रही है।
राजनाथ ने इस दौरान कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के साथ उनके संबंध मधुर थे और मधुर रहेंगे। ऐसे समय में जब भाजपा के कुछ नेता विवादास्पद ‘लव जेहाद’ के मुद्दे को उठा रहे हैं, गृह मंत्री ने कहा कि उन्हें इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है। इस विषय पर पूछे जाने पर राजनाथ ने हल्की मुस्कान के साथ सवाल किया, ‘‘लव जेहाद क्या है?’’
राजनाथ ने अपने संबोधन का समापन करते हुए हल्के अंदाज में कहा, ‘‘गृह मंत्रालय ट्वंटी-20 और वन-डे मैच नहीं है, यह टैस्ट मैच है और इसमें पारी जमानी पड़ती है। गृह मंत्रालय की ओपनिंग शानदार रही है और उसे लंबी पारी खेलनी है।’

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