रजिस्ट्रेशन की राह ताक रहे पैरामेडिकल डग्रीधारी

श्रीनगर। पैरामेडिकल कोर्स कर चुके हजारों अभ्यर्थी काउंसिल में पंजीकरण के लिए बेकरार हैं, लेकिन यह कब होगा। इस पर अभी भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है। काउंसिल में पंजीकरण के बिना पैरामेडिकल डिग्रीधारियों की स्थायी नियुक्ति नहीं हो सकती है।
वर्ष 2009 में उत्तराखंड पैरामेडिकल काउंसिल का गठन भाजपा सरकार ने किया था, लेकिन आजतक काउंसिल ने पंजीकरण के लिए नियम तक तय नहीं किए हैं। हाईकोर्ट से शीघ्र रजिस्ट्रेशन किए जाने के निर्देश के बाद भी काउंसिल यह तय नहीं कर पाया है कि कब तक रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू होगी। श्रीनगर मेडिकल कालेज में 100 से अधिक पैरामेडिकल कर्मी संविदा पर नियुक्त हैं। स्थिति यह है कि काउंसिल में पंजीकरण के बिना सरकार संविदा कर्मियों स्थायी नियुक्ति भी नहीं दे सकती है।

मेडिकल कालेजों से भी चुने जाए प्रतिनिधि
ज्वाइंट फोरम ऑफ मेडिकल टेक्नालॉजिस्ट ऑफ इंडिया की स्थानीय इकाई की बैठक में रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में हो रही देरी पर वक्ताओं ने नाराजगी जताई। संगठन के सदस्यों ने कहा कि काउंसिल में राज्य के मेडिकल कालेजों में कार्यरत पैरामेडिकल संवर्गों से भी प्रतिनिधि चुने जाएं। यहां आयोजित बैठक में जेएफएमटीआई के पदाधिकारियों ने कहा कि काउंसिल शीघ्र रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू करने के साथ ही डिग्रीधारियों का रजिस्ट्रेशन तय करे। संगठन के अध्यक्ष अजय उनियाल, महासचिव संतोष बलूनी ने कहा कि मांग नहीं माने जाने पर संगठन आंदोलन के लिए बाध्य होगा। बैठक में चैतन्य किशोर अंथवाल, नीरज बिष्ट, हरीश भारद्वाज, अमितकांत भट्ट, देवेंद्र लखेड़ा, अमित मनवाल आदि मौजूद थे।

– अभी काउंसिल की एकमात्र बैठक हुई है। जब तक पूरे नियम नहीं बन जाते, तब तक पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू नहीं की जा सकती है। शीघ्र ही पंजीकरण किए जाएंगे, लेकिन अक्तूबर में पंजीकरण शुरू कर पाना संभव नहीं है।
-गीता जोशी, सचिव पैरामेडिकल काउंसिल

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