रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया एनपीआर) को लेकर मुख्यमंत्रियों से मुलाकात कर दूर करेंगे शंकाएं

नई दिल्ली
कोलकाता में सीएए-एनआरसी और एनपीआर के विरोध में निकाली रैली

सार

केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को लेकर विरोध कर रहे राज्यों की आशंकाओं को दूर करने की कवायद शुरू कर दी है। केरल, पश्चिम बंगाल, पंजाब व राजस्थान एनपीआर के प्रस्तावित बदलाव को लेकर लगातार विरोध कर रहे हैं। इस बीच, रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया (आरजीआई) इन राज्यों में जाएंगे और मुख्यमंत्रियों से मुलाकात कर उनकी शंकाएं दूर करेंगे।

विस्तार

इसी कड़ी में आरजीआई व जनगणना आयुक्त विवेक जोशी ने शुक्रवार को पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से मुलाकात की और उन्हें 2021 जनगणना के हाउसलिस्टिंग चरण व एनपीआर अपडेशन प्रक्रिया की जानकारी दी। इस साल अप्रैल से सितंबर के बीच जनगणना के साथ ही एनपीआर अपडेशन का कार्य किया जाएगा।

सूत्रों का कहना है कि जोशी जल्द ही उन राज्यों का दौरा कर सकते हैं, जो इसका विरोध कर रहे हैं या एनपीआर फॉर्म में संशोधन की मांग कर रहे हैं। इन राज्यों में केरल, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़ शामिल हैं। सूत्रों ने बताया कि इन राज्यों का दौरा करने के दौरान जोशी वहां के मुख्यमंत्रियों से भी मिलेंगे। साथ ही यह भी बताएंगे कि सरकार का अभी एनआरसी लागू करने का कोई इरादा नहीं है।

गौरतलब है कि केरल सरकार पहले ही राज्य में एनपीआर लागू नहीं करने की घोषणा कर चुकी है, हालांकि जनगणना में किसी तरह की रोक नहीं है। वहीं पश्चिम बंगाल ने एनपीआर प्रक्रिया को फिलहाल लंबित रखा है। वहीं, कांग्रेस शासित राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ ने एनपीआर फॉर्म में माता पिता की जन्मतिथि, जन्मस्थान से जुड़े सवाल हटाने की मांग की है। इसी तरह बिहार व ओडिशा में इन सवालों को हटाने की मांग कर चुके हैं।

त्रिपुरा में 16 मई से कवायद

पूर्वोत्तर में भाजपा के शासन वाले त्रिपुरा में एनपीआर के लिए आंकड़े जुटाने का काम 16 मई से शुरू होगा। इसके लिए इसी महीने 11 हजार कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। त्रिपुरा के जनगणना निदेशक प्रदीप कुमार चक्रवर्ती ने बताया कि 29 जून तक आंकड़े जुटाने का काम चलेगा। इससे पहले मुख्य सचिव मनोज कुमार ने बृहस्पतिवार को संबद्ध विभागों के अधिकारियों के साथ एक बैठक में एनपीआर के लिए सूचनाएं जुटाने की योजना की समीक्षा की थी।

महाराष्ट्र: विरोध के बावजूद 1 मई से लागू होगा एनपीआर

महाराष्ट्र में शिवसेना के नेतृत्व वाली महाविकास आघाड़ी सरकार ने कांग्रेस व एनसीपी के विरोध के बावजूद 1 मई से एनपीआर लागू करने को हरी झंडी दे दी। भीमा कोरेगांव हिंसा की जांच एनआईए को सौंपने को लेकर पहले ही एनसीपी प्रमुख शरद पवार मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से नाराजगी जता चुके हैं। इससे तय है कि महाराष्ट्र में एनपीआर को लागू करना मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के लिए आसान नहीं होगा। एनपीआर पर महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रवक्ता सचिन सावंत ने कहा, एनपीआर के प्रावधानों पर हमारा विरोध है। सरकार के फैसले पर कांग्रेस के मंत्री विचार करेंगे। वहीं, एनसीपी की तरफ से अभी स्थिति साफ नहीं है। ब्यूरो

एनपीआर का फॉर्म तैयार
एनपीआर का मैनुअल व ड्राफ्ट फॉर्म को अंतिम रूप दे दिया गया है, हालांकि इसकी छपना बाकी है। मार्च तक सभी राज्यों को फॉर्म का प्रारूप भेज दिया जाएगा। इसकी छपाई राज्यों की जिम्मेदारी है।

गहलोत बोले…एनपीआर मुझे हिरासत शिविर में भेजेगा

राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने सरकार से सीएए वापस लेने की मांग करते हुए कहा, उन्हें भी माता-पिता के जन्मस्थान की जानकारी नहीं है। एनपीआर में यही जानकारी मांगी गई है। अगर मैं यह जानकारी नहीं देता हूं तो मुझे हिरासत शिविर में भेजा जा सकता है।

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