योगी मंत्रिमंडल का होगा विस्तार, लोकसभा चुनाव-2024 है मुख्य लक्ष्य

योगी मंत्रिमंडल का होगा विस्तार, लोकसभा चुनाव-2024 है मुख्य लक्ष्य

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार में जल्द ही मंत्रिमंडल का विस्तार होगा। सुभासपा के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर कैबिनेट मंत्री बनाए जाएंगे। सपा छोड़ने के बाद भाजपा में शामिल होने जा रहे दारा सिंह चौहान को भी मंत्रिमंडल में जगह मिलेगी।पार्टी के उच्चपदस्थ सूत्रों के मुताबिक सुभासपा से हुए गठबंधन की शर्त के तहत ओमप्रकाश राजभर को कैबिनेट मंत्री बनाया जाएगा। उन्हें सरकार में महत्वपूर्ण मंत्रालय की कमान भी मिल सकती है। अगले वर्ष होने वाले विधान परिषद चुनाव में सुभासपा के एक कार्यकर्ता को परिषद में सदस्य भी बनाया जाएगा।

वहीं सपा विधायक पद से इस्तीफा देने के बाद दारा सिंह चौहान सोमवार को भाजपा में शामिल होंगे। भाजपा प्रदेश मुख्यालय में प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी उन्हें पार्टी में शामिल कराएंगे। पूर्वांचल के चौहान (नोनिया) वोट बैंक पर मजबूत पकड़ रखने वाले दारा सिंह को भी मंत्रिमंडल में शामिल किया जाएगा। योगी मंत्रिमंडल में फिलहाल मुख्यमंत्री सहित 52 मंत्री हैं। पार्टी सूत्रों का कहना है कि मंत्रिमंडल विस्तार में ओमप्रकाश राजभर और दारा सिंह के अतिरिक्त भाजपा के भी एक-दो पूर्व मंत्रियों को फिर से सरकार में जगह मिल सकती है। वहीं आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर जातीय संतुलन के लिए एक-दो नए चेहरे भी मंत्रिमंडल में जगह पा सकते हैं।

पूर्वांचल में भाजपा की चुनावी राह आसान करेगी सुभासपा
भाजपा और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के बीच हुआ गठबंधन लोकसभा चुनाव 2024 में प्रदेश के पूर्वांचल की डेढ़ दर्जन से अधिक सीटों पर भाजपा की राह आसान करेगा। वहीं प्रमुख विपक्षी दल समाजवादी पार्टी और बसपा को झटका लगेगा। भाजपा ने लोकसभा चुनाव-2024 में प्रदेश की सभी 80 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए भी पार्टी को पिछड़े वर्ग की प्रमुख कुर्मी, राजभर, निषाद, जाट, मौर्य, शाक्य, सैनी, कुशवाहा, लोधी वोट बैंक की आवश्यकता है। कुर्मी वोट बैंक के लिए भाजपा ने अपना दल (एस) से गठबंधन है, निषाद वोट बैंक के लिए निषाद पार्टी से गठबंधन है। मौर्य, शाक्य, सैनी, कुशवाहा और लोधी समाज को भाजपा का परंपरागत वोट बैंक माना जाता है। ऐसे में भाजपा के लिए सबसे बड़ी चुनौती राजभर समाज के वोट बैंक हासिल करना है।

प्रदेश के घोसी,बलिया, गाजीपुर, चंदौली, मछलीशहर, बस्ती, सलेमपुर, मिश्रिख, संतकबीर नगर, कुशीनगर, डूमरियागंज, महराजगंज, आजमगढ़, लालगंज, जौनपुर, अंबेडकर नगर, बहराइच, मिर्जापुर, देवरिया, श्रावस्ती और भदोही लोकसभा क्षेत्र में राजभर समाज के 50 हजार से डेढ़ लाख मतदाता हैं। राजभर मतदाताओं में सुभासपा के ओमप्रकाश राजभर की मजबूत पकड़ है। भाजपा, सपा, बसपा के राजभर नेताओं की तुलना में राजभर समाज में ओमप्रकाश राजभर की स्वीकार्यता ज्यादा है।

इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि लोकसभा चुनाव 2019 से पहले सुभासपा के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर एनडीए से अलग हो गए थे। लेकिन योगी सरकार में मंत्री बने हुए थे। सुभासपा ने एनडीए के खिलाफ 19 सीटों पर लोकसभा चुनाव लड़ा था। लोकसभा चुनाव समाप्त होते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मई में ओमप्रकाश राजभर को मंत्रिमंडल से बर्खास्त भी कर दिया था। लोकसभा चुनाव में घोसी, आजमगढ़, गाजीपुर, जौनपुर, अंबेडकरनगर, लालगंज में भाजपा को मिली हार की वजह राजभर वोट का बंटना माना गया। विधानसभा चुनाव 2022 में सपा और सुभासपा के गठबंधन के चलते सुभासपा ने छह सीटें जीती। पूर्वांचल में आजमगढ़, मऊ, गाजीपुर, जौनपुर, अंबेडकर नगर, बस्ती में भाजपा को नुकसान उठाना पड़ा था। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना कि सुभासपा के एनडीए में आने से भाजपा को पूर्वांचल की डेढ़ दर्जन से अधिक सीटों पर बड़ा फायदा होगा। वहीं 2019 में हारी सीटों पर अब पार्टी की राह आसान होगी।

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