यहां स्कूलों में हेडमास्टर लगाते हैं झाड़ू

उदयपुर। लाहौल के शिक्षण संस्थानों में स्टाफ की कमी का खामियाजा स्कूल के मुख्य शिक्षकों और बच्चों को भुगतना पड़ रहा है। बच्चों की जहां पढ़ाई प्रभावित हो रही है वहीं मुख्य शिक्षकों को स्कूल में झाड़ू तक का काम निपटाना पड़ रहा है। आधा दर्जन स्कूलों में चपरासियों के पद रिक्त पड़े हैं। यही नहीं कई स्कूलों में शिक्षकों की भी भारी कमी चल रही है।
भारी ठंड के चलते स्कूल में तंदूर की भी व्यवस्था है। लिहाजा सर्दी के इस मौसम में हेडमास्टर को स्कूल में पहुंचने पर सबसे पहले तंदूर में फूंक मारनी पड़ती है। इसके बाद साफ सफाई कर स्कूल को चकाचक का काम निपटाना होता है। स्कूलों की बदतर हालत के चलते 70 फीसदी सरकारी स्कूलों में तैनात अध्यापकों ने अपने बच्चे पढ़ाई को बाहर भेज रखे हैं।
लाहौल घाटी में 19 माध्यमिक पाठशालाएं हैं। इसमें माध्यमिक स्कूल मड्ग्रां के आहत, सलपट, आड़त ,गारी और जसरथ में लंबे समय से चतुर्थ कर्मी के पद रिक्त हैं। पांच मिडिल स्कूलों में से दो स्कूल ऐसे भी हैं जहां एक दशक से चतुर्थ कर्मचारी नहीं है।
विभागीय अधिकारियों का कहना है कि माध्यमिक पाठशाला जसरथ और आहत में अनुबंध और गारी, सलपट तथा आड़त में पार्टटाइम कर्मचारियों की नियुक्तियां की जानी हैं। लेकिन नियुक्तियां कब होनी है इस बारे अधिकारी सही जवाब नहीं दे पाते। वहीं शिक्षा उपनिदेशक प्रेम नाथ परशीरा ने बताया कि मामला सरकार और शिक्षा विभाग के ध्यान में है। सरकार से स्वीकृति मिलते ही इन पदों को भरा जाएगा।

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