मुख्यमंत्री ने कहा : प्राकृतिक खेती के लिए बजट में किया 32 करोड़ का प्रावधान, करेंगे बोर्ड गठित

मुख्यमंत्री ने कहा : प्राकृतिक खेती के लिए बजट में किया 32 करोड़ का प्रावधान, करेंगे बोर्ड गठित

कुरुक्षेत्र (हरियाणा)
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के सभागार में प्राकृतिक खेती पर आयोजित कृषि कार्यशाला में मुख्यमंत्री मनोहर लाल, गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने शिरकत की और किसानों से प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने की अपील की।
कृषि कार्यशाला में लगी प्रर्दशनी को देखते सीएम मनोहर लाल साथ में गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत।

प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए 32 करोड़ रुपये का प्रावधान बजट में किया है। इस खेती को बढ़ावा देने और किसानों को सुविधाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार प्राकृतिक कृषि बोर्ड का गठन करने जा रही है। इसके लिए एक अतिरिक्त निदेशक की भी नियुक्ति की जाएगी। ये घोषणा मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने मंगलवार को कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की ओर से कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के सभागार में प्राकृतिक खेती के संबंध में आयोजित कृषि कार्यशाला में की। इस दौरान गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत भी विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद रहे। कार्यशाला में प्रदेशभर से सैकड़ों किसान भी पहुंचे।

उन्होंने कहा कि धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र में हजारों साल पहले राजा कुरु ने सोने का हल चलाकर खेती की प्राचीन परंपरा को शुरू किया था। आज एक बार फिर इस धरा से प्राकृतिक खेती को एक नया जीवन देने की शुरुआत की गई है। प्राकृतिक खेती को लेकर कार्यक्रम चलाए जाएंगे और किसानों को इसका प्रशिक्षण दिया जाएगा।

इस दौरान मुख्यमंत्री मनोहरलाल और आचार्य देवव्रत ने खेतों में लगातार हो रहे रसायनों के इस्तेमाल पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि 70 के दशक में हरित क्रांति की आवश्यकता थी, क्योंकि उस समय हम देश की जनता का पेट भी नहीं भर पा रहे थे। इसलिए वैज्ञानिकों ने रासायनिक खेती की खोज की थी। आज 50 वर्ष बाद हमें लगता है कि काश उस समय कोई और विकल्प तलाश लिया होता।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में प्राकृतिक खेती के लिए तीन साल के उत्पादन पर आधारित योजना तैयार की गई है। योजना के तहत प्रदेश में प्राकृतिक खेती के लिए 100 क्लस्टर बनाए जाएंगे। प्रत्येक कलस्टर में 25 एकड़ भूमि को शामिल किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने बताया कि दो साल पहले गुरुकुल कुरुक्षेत्र में इस अभियान का आगाज किया गया था।

कोरोना महामारी के कारण ये आगे नहीं बढ़ सका। अब सरकार ने इस अभियान को एक जन आंदोलन का स्वरूप देने का प्रयास शुरू कर दिया है। कार्यशाला में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग मंत्री जेपी दलाल, हरियाणा के खेल राज्यमंत्री संदीप सिंह, कुरुक्षेत्र के सांसद नायब सिंह सैनी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

हमारा आहार हमारी औषधि बने
मुख्यमंत्री ने कहा कि खेती और चिकित्सा की व्यवस्था खराब होने से हमारा शरीर भी बिगड़ गया। प्राचीन काल में चिकित्सा इलाज की पद्धति आयुर्वेद थी। हम उसको छोड़कर एलोपैथी पर आ गए। वहीं अधिक उत्पादन के चक्कर में प्रयोग किए जाने वाले केमिकल युक्त पदार्थों का प्रभाव खेती पर भी पड़ने लगा।

हमारी खेती और चिकित्सा पद्धति को ठीक करने के लिए परंपरागत तरीके कुछ सुधार के साथ फिर से लाने होंगे। हम औषधि लेकर आज मानते हैं कि ये हमारा आहार है, लेकिन ये गलत है हमारा आहार हमारी औषधि बन जाए। हमें इस प्रकार का खाना हमें खाना चाहिए।

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