मिड डे मील वर्कर्स ने मांगा न्यूनतम वेतन

रामपुर बुशहर। मिड डे मील वर्कर्स यूनियन की सराहन इकाई की रविवार को ज्यूरी में बैठक हुई। बैठक में मिड डे मील वर्कर्स की मांगों को पूरा न किए जाने पर सरकार के प्रति रोष जताया गया। निर्णय लिया गया कि अगर सरकार ने मांगें जल्द पूरी नहीं कीं तो मांगें मनवाने को आंदोलन का रास्ता अपनाया जाएगा। इस दौरान मिड डे मील वर्कर्स को न्यूनतम वेतन देने, मिड डे मील वर्कर्स को सरकारी कर्मचारी घोषित करने समेत आठ वर्ष का सेवाकाल पूर्ण कर चुके वर्कर्स को नियमित करने की मांग की गई। इसके अलावा वर्कर्स की छंटनी पर रोक लगाने, समय पर मानदेय देने और वर्कर्स को सामाजिक सुरक्षा पेंशन देने की मांग भी की गई। सीटू जिला शिमला के अध्यक्ष बिहारी सेवगी ने कहा कि कोर्ट के फैसले के बावजूद सरकार मिड डे मील वर्कर्स को नियमित नहीं कर रही है, जो गलत है। इसके अलावा अन्य मांगों की भी सरकार अनदेखी कर रही है। उन्होंने सरकार से मांग की कि उक्त मांगों पर जल्द गंभीरता से अमल किया जाए, अन्यथा संघर्ष किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि राज्य तथा केंद्र सरकारें मजदूर विरोधी नीतियां लागू कर रही हैं। इससे देश में महंगाई, बेरोजगारी तथा भ्रष्टाचार दिन प्रतिदिन बढ़ रहा है। सरकारी विभागों में नौकरियां ठेके पर दी जा रही हैं। आंगनबाड़ी तथा मिड डे मील योजनाओं को भी ठेके पर देने की योजना है, जो यूनियन को स्वीकार नहीं है। बैठक में देवकी नंद, नारायण सिंह खन्ना, मिड-डे-मील वर्कर्स यूनियन सराहन की उपप्रधान बबली शर्मा, सचिव मीना देवी, कमेटी सदस्य कृष्णा देवी, मंजुला, पुष्पा देवी, कमला, आशा, बिरमा देवी आदि मौजूद थे।

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