मिग-29 के 28 स्क्वाड्रन ने अंतिम बार भरी उड़ान

मुंबई
सांकेतिक तस्वीर
अपग्रेड होने के लिए जाने से पहले वायुसेना के मिग-29 की 28 स्क्वाड्रन ने शनिवार को आखिरी बार उड़ान भरी। मिग-29 लड़ाकू विमानों ने कारगिल युद्ध में पाकिस्तानी सेना को खदेड़ने में अहम भूमिका निभाई थी।

वायुसेना के एक अधिकारी ने बताया कि मिग-29 विमान अब अपग्रेड प्रोग्राम से गुजर रहे हैं। मिग-29 की 28 स्क्वाड्रन महाराष्ट्र के नासिक जिले में ओझर स्थित 11 बेस रिपेयर डिपो (बीआरडी) पर लैंड हुई। इस स्क्वाड्रन को 1971 भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान ढाका में गवर्नर हाउस हमले में योगदान के लिए युद्ध सम्मान से सम्मानित किया गया था। 11 बीआरडी की स्थापना 1975 में हुई थी और यह वायुसेना का एकमात्र लड़ाकू विमान मरम्मत डिपो है।

यहां 500 से अधिक लड़ाकू विमानों की मरम्मत की जा चुकी है। इन विमानों में सुखोई-7, मिग-23, मिग-29 और सुखोई-30 एमकेआई भी शामिल हैं। डिपो में 1996 में मिग-29 विमानों की मरम्मत किया जाना शुरू हुआ था। मौजूदा समय में बीआरडी में मिग-29 के अपग्रेड और सुखोई-30 एमकेआई की मरम्मत और ओवरहाल का काम चल रहा है। अक्तूबर 2018 में बीआरडी से ओवरहाल किए गए पहले सुखोई-30 एमकेआई को ऑपरेशनल स्क्वाड्रन को सौंपा गया था।

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