उन्होंने यह भी कहा कि अगर अर्थव्यवस्था की यही स्थिति बनी रही तो 2024-25 तक देश की अर्थव्यवस्था को पांच हजार अरब डॉलर तक ले जाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लक्ष्य के पूरा होने की कोई उम्मीद नहीं है। उन्होंने कहा कि आज के समय में चाहे रियल स्टेट की बात हो या फिर कृषि के क्षेत्र की, प्रत्येक क्षेत्र में दिख रही गिरावट के कारण अर्थव्यवस्था लगातार नीचे जा रही है।
उन्होंने कहा, ‘देश इस वक्त गंभीर आर्थिक मंदी का सामना कर रहा है। यह बात सिर्फ कांग्रेस की तरफ से नहीं की जा रही है, बल्कि आप उद्योग जगत या किसी भी क्षेत्र के लोगों से बात करिए तो पता चलेगा कि अर्थव्यवस्था की स्थिति ठीक नहीं है। इस हालात में सबसे खतरनाक चीज है कि सरकार को यह अहसास नहीं है कि आर्थिक मंदी है।’
‘हमने भी मंदी के दौर का सामना किया था और अर्थव्यवस्था मजबूत की थी’
सिंह ने कहा, ‘अगर यह स्थिति बनी रही तो इसकी कोई उम्मीद नजर नहीं आती कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य पूरा होगा।’ उन्होंने कहा कि स्पष्ट है कि जो वादे किए गए थे उन पर काम नहीं हो रहा है और इसका कोई संकेत नहीं है कि सरकार के पास कोई वास्तविक कार्य योजना है।
बैठक में सोनिया और पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के अलावा कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, एके एंटनी, अहमद पटेल, गुलाम नबी आजाद, मल्लिकार्जुन खड़गे, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल तथा पार्टी के कई महासचिव-प्रदेश प्रभारी, प्रदेश अध्यक्ष और विधायक दल के नेता शामिल हुए।