बाल विकास परियोजना को निजी हाथों में देने का विरोध

मंडी। केंद्रीय ट्रेड यूनियनाें के आह्वान पर मंडी में हड़ताल के दूसरे दिन भी विरोध प्रदर्शन हुआ। वीरवार को ट्रेड यूनियन सीटू के बैनर तले आंगनबाड़ी वर्कर्स एवं हेल्पर्स यूनियन सदर इकाई ने सेरी मंच से जिलाधीश कार्यालय तक रैली निकाली। उपायुक्त के माध्यम से प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री को अपना सात सूत्रीय मांग पत्र प्रेषित किया।
केंद्र सरकार की कर्मचारी विरोधी नीतियों के खिलाफ महिला कर्मचारियाें ने जमकर नारेबाजी की। इस बीच बाल विकास परियोजना को निजी हाथों में देने के केंद्र के फैसले का भी कड़ा विरोध किया। उपायुक्त कार्यालय के प्रांगण में जनसभा को आंगनबाड़ी वर्कर्स एवं हेल्पर्स यूनियन की जिला कोषाध्यक्ष हमेंद्री, कृष्णा कुमारी, जनवादी नौजवान सभा के जिला सचिव अजय वैद्य तथा सीटू जिला सचिव प्रभाष राणा ने संबोधित किया। केंद्र सरकार जनता और कर्मचारी विरोधी नीतियों को लागू कर रही है। सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों को निजी हाथों में बेचा जा रहा है। केंद्र सरकार ने बाल विकास परियोजना को भी निजी हाथों में देने का फैसला लिया है। जो सरासर गलत फैसला है तथा इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सीटू जिला सचिव ने कहा कि केंद्र सरकार इस फैसले को तुरंत वापस लें अन्यथा आने वाले दिनों में इस फैसले के विरोध मेें आंदोलन को तेज किया जाएगा। मांग पत्र में इसके अलावा लिंक वर्कर रखने के फैसले को वापस लेने, गैस एवं अन्य खाद्य सामग्री केंद्र में उपलब्ध करवाने एवं वर्करों को इसे खरीदने के लिए बाध्य न करने, आंगनबाड़ी कर्मियों को रेगुलर करने, पेंशन एवं सेवानिवृत्ति लाभ देने, वर्करों से सुपरवाइजर भर्ती का कोटा नब्बे प्रतिशत करने सहित बढ़ती महंगाई को रोकने के लिए अनाज में सट्टा बाजार की नीति बंद करने की भी मांग की गई है। वीरवार को भी बैंकिंग तथा अन्य कई सेवाएं हड़ताल के चलते ठप रही।

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