बायोमीट्रिक आधार प्रमाणीकरण नहीं करने वाले प्रभारियों से वसूली जाएगी छात्रवृत्ति : शिक्षा निदेशालय

बायोमीट्रिक आधार प्रमाणीकरण नहीं करने वाले प्रभारियों से वसूली जाएगी छात्रवृत्ति : शिक्षा निदेशालय

बायोमीट्रिक आधार प्रमाणीकरण नहीं करने वाले प्रभारियों से पात्र विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति वसूली जाएगी। उच्च शिक्षा निदेशालय ने निजी और सरकारी शिक्षण संस्थानों को इस बाबत चेतावनी पत्र जारी किए हैं। 10 अगस्त की निर्धारित आखिरी तारीख तक प्रदेश के 20 निजी और सरकारी संस्थानों के प्रभारियों ने प्रमाणीकरण नहीं कराया है। गुरुवार को निदेशालय ने पत्र जारी कर कहा कि प्रदेश में चार से दस अगस्त तक बायोमीट्रिक आधार प्रमाणीकरण करने के लिए विशेष अभियान चलाया गया है। इसके बावजूद कई संस्थानों के प्रभारियों ने प्रमाणीकरण नहीं कराया। इन संस्थानों के पात्र विद्यार्थियों को मिलने वाली छात्रवृत्ति को इन प्रभारियों से वसूला जाएगा। अल्पसंख्यक मंत्रालय की छात्रवृत्ति योजनाओं के लिए अब नई व्यवस्था लागू हुई है। लाभार्थी विद्यार्थियों के साथ-साथ छात्रवृत्ति के आवेदन सत्यापित करने वाले अधिकारियों के बायोमीट्रिक आधार प्रमाणीकरण अनिवार्य कर दिए गए हैं।

इस प्रक्रिया को पूरा किए बिना संस्थान स्तर पर वर्ष 2022-23 के लिए आवेदन सत्यापित नहीं हो सकेंगे। छात्रवृत्ति योजनाओं में होने वाले घोटालों से बचने के लिए अल्पसंख्यक मंत्रालय ने आवेदनों को सत्यापित करने की प्रक्रिया में बदलाव किया है। आवेदनों को सत्यापित करने वाले जिला नोडल अधिकारियों और शिक्षण संस्थान प्रमुखों का भी बायोमीट्रिक आधार प्रमाणीकरण अनिवार्य किया गया है। राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल पर वो ही अधिकारी लॉगइन कर सकेगा, जिसका बायोमीट्रिक प्रमाणीकरण हुआ होगा। भारत सरकार की ओर से अल्पसंख्यक समुदाय के लिए संचालित पोस्ट मैट्रिक, पूर्व मैट्रिक छात्रवृति तथा मैरिट कम मिन्स छात्रवृति योजना के लिए इस व्यवस्था को लागू किया गया है। इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए निदेशालय ने शिक्षण संस्थानों के प्रभारियों का प्रमाणीकरण करने को बीते दिनों अभियान चलाया था।

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