हमीरपुर : प्रेम कुमार धूमल मुख्यमंत्री नहीं, बल्कि बहुत बड़े व्यापारी हैं। व्यापार के नशे में चूर प्रेम कुमार धूमल ने हिमाचल के हितों को बेचने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी और भाजपा शासनकाल में गरीब दलित और छोटे कर्मचारियों का बुरी तरह उत्पीडऩ हुआ है। ये शब्द पूर्व केंद्रीय इस्पात मंत्री वीरभद्र सिंह ने यहां आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए कहे। वीरभद्र सिंह ने कहा कि धूमल ने ढेर सारा धन इकट्ठा करके रखा है। धूमल के पास इतना धन है कि उनकी 5 पुश्तें बैठकर खा सकती हैं।
वीरभद्र ने कहा कि साढ़े 10 हजार करोड़ रुपए खर्च न होने से वह वापस चला गया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़कों की हालत दयनीय हो चुकी है जिनकी समय पर मुरम्मत भी नहीं करवाई गई। प्रधानमंत्री सड़क योजना नाबार्ड, मनरेगा सभी भारत सरकार की देन है। उन्होंने कहा कि धूमल को धन्यवाद करना नहीं आता है, उल्टा चोर कोतवाल को डांटे।
वहीं छोटे गरीब किसान, मजदूरों का जीना मुहाल हो गया है उनकी बात सुनने वाला कोई नहीं है। धूमल ने शांता कुमार के गुट को छिन्न-भिन्न कर दिया। वीरभद्र ने कहा कि एक पशु भी दूसरे पशु द्वारा किए गए अहसान को याद रखता है परंतु धूमल ऐसे नरपशु हैं जो किसी का भी अहसान नहीं मानते। मुख्यमंत्री धूमल के साथ-साथ उनका सारा मंत्री परिषद भी भ्रष्टाचार में डूबा हुआ है। वीरभद्र ने कहा कि उनके घोषणा पत्र में कुछ और चीजें जोड़ी जा रही हैं जोकि आम लोगों के हित में हों।