बड़े हमले की ताक में थे सोपोर मुठभेड़ में मारे गए तीनों आतंकी : डीआईजी

बारामुला/श्रीनगर

उत्तरी कश्मीर के बारामुला जिले के सोपोर में रविवार को हुई मुठभेड़ में लश्कर-ए-तैयबा के तीन आतंकियों के मारे जाने से बड़े हमले की साजिश नाकाम हुई है। एक बड़ा खतरा टल गया है। यह दावा डीआईजी नॉर्थ कश्मीर रेंज (एनकेआर) सुलेमान चौधरी ने किया है।

सोमवार को पत्रकारों से कहा कि जैसा कि हमारे पास इनपुट था और जिस तरह के हथियार इनसे बरामद हुए हैं, उससे लगता है कि ये लोग किसी बड़े हमले की फिराक में थे। इनका मारा जाना सुरक्षा बलों के लिए बड़ी सफलता है। बता दें, रविवार को हुई मुठभेड़ में मारे गए तीनों आतंकियों से 3 एके राइफल, 9 एके मैगजीन, 145 गोलियां, 3 पाउच, 1 ग्रेनेड, 1 सोल्जर नाइफ और अन्य सामग्री बरामद हुई है। इनमें दो पाकिस्तानी थे। इनकी शिनाख्त उस्मान भाई उर्फ अबू राफिया और सैफुल्ला के तौर पर हुई है। दोनों आतंकी पिछले दो वर्षों से यहां सक्रिय थे।
उत्तरी कश्मीर में 40 विदेशी और 17 स्थानीय आतंकी
डीआईजी ने बताया कि रिपोर्ट के अनुसार उत्तरी कश्मीर में इस समय करीब 35-40 विदेशी आतंकी और 16-17 स्थानीय आतंकी सक्रिय हैं। यह संख्या घटती-बढ़ती रहती है। इनमें करीब 7-10 ऐसे आतंकी हैं जो कुछ महीने पहले बांदीपोरा और कुपवाड़ा सेक्टर से घुसपैठ कर इस पार आए हैं। आतंकी संगठनों में स्थानीय युवाओं की भर्ती के ग्राफ  में बहुत कमी आई है। करीब 11 युवा आतंकवाद में शामिल हुए जिनमें से 4 को गिरफ्तार कर लिया गया। अगर सोपोर की बात करें तो चार युवा आतंकवाद में शामिल हुए थे जिसमें से तीन को मार गिराया जा चुका है। यह सब लोगों के सहयोग से हुआ है।

लोगों ने नकारा आतंकियों का एजेंडा
डीआईजी के अनुसार घाटी से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद से एलओसी के पार पाकिस्तान में बैठे आतंकियों का एजेंडा है कि ज्यादा से ज्यादा स्थानीय युवाओं को आतंकवाद में शामिल किया जाए। आतंकियों द्वारा मेवा व्यापारियों, नागरिकों, गैर स्थानीय मजदूरों को निशाना बनाया गया। इस सबके बावजूद भी लोगों ने उनके एजेंडे को नकारते हुए पूरा सहयोग दिया। उम्मीद थी कि ग्राफ  बढ़ेगा लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। हमारी भी यही कोशिश रहती है कि युवाओं को गलत राह पर जाने से रोकें। हाल ही में कुछ युवाओं को आतंकवाद के चंगुल से निकाला गया और काउंसलिंग कर परिवार वालों के हवाले कर दिया गया।

सीमा पार लांचिंग पैड्स पर 300 आतंकी
इस दौरान सेना के 5 सेक्टर के कमांडर विवेक नारंग ने कहा कि एलओसी से घुसपैठ की हर साजिश से निपटने के लिए सेना हर समय तैयार है। पहले भी कई बार घुसैपठ को नाकाम किया गया है। रिपोर्ट्स के अनुसार सीमा पार लांचिंग पैड्स पर करीब 250-300 आतंकी घुसपैठ के लिए तैयार बैठे हैं। इस वर्ष अभी तक पाकिस्तान ने घुसपैठ कराने के लिए उत्तरी कश्मीर रेंज में करीब 28 बार संघर्ष विराम का उलंघन किया है। पाकिस्तान गोलाबारी की आड़ में ज्यादा से ज्यादा घुसपैठ कराना चाहता है लेकिन सेना पूरी तरह अलर्ट है।

 

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