घुमारवीं (बिलासपुर)। 1046 करोड़ रुपये की भानुपल्ली-बिलासपुर-बैरी ब्राडगेज रेल लाइन इस बार भी बजट की पटरी पर फेल हो गई है। अलबत्ता, बिलासपुर से बद्दी तक के सर्वे को बजट में डालने का ऐलान कर लोगों को राहत जरूरी दी है। अब इस रेल लाइन का ट्रैक बदल सकता है। बद्दी से ट्रेक में दूरी आने की भी संभावना है। भानुपल्ली से बिलासपुर तक रेल लाइन बिछाने को भू-अधिग्रहण के तहत हुई तीन अधिसूचना लैप्स हो गई है।
इसके लिए सबसे पहले वर्ष 2009 में सेक्शन चार के तहत भू अधिग्रहण की अधिसूचना जारी है। इसके बाद 13 मई 2010 को सेक्शन छह और सात के तहत अधिसूचना हुई, लेकिन दो वर्ष की तय सीमा के भीतर भू अधिग्रहण का कार्य पूरा किया जाना था, जो अभी तक लटका हुआ है। अब यह अधिसूचना भी लैप्स हो गई है। यदि यदि भविष्य में प्रोजेक्ट के लिए केंद्र से बजट मिला तो अधिसूचना पुन: जारी करनी होगी। इस पर अमल करते हुए पंजाब के भानुपल्ली से बिलासपुर के धरोट तक बाकायदा सर्वे भी सर्वे पूरा हुआ, लेकिन अभी पटरी बिछाने को बजट नहीं मिल रहा। इस वजह से सारा कार्य अटका पड़ा है। इस प्रोजेक्ट के लिए करीब 395 बीघा निजी, 697 बीघा सरकारी भूमि का अधिग्रहण किया जाना है। सूत्र बताते हैं कि वर्ष 2009 से बिलासपुर में भू अधिग्रहण के लिए स्टाफ की नियुक्ति की गई है। एसडीएम सदर को भू-अधिग्रहण अधिकारी का दायित्व सौंपा गया है, लेकिन काम आगे नहीं बढ़ रहा।
1. कार्यालय के नाम पर खर्च हो रहे 15 हजार
इस रेल लाइन के लिए नौ करोड़ रुपये जारी हुए थे। आठ करोड़ भू अधिग्रहण पर खर्च होने थे जबकि एक करोड़ इस कार्य में लगने वाले कर्मचारियों और अधिकारियों के वेतन आदि पर। वहीं पैसा बैंक में पड़ा हुआ है। सूत्र बताते हैं कि हर महीने व्यास सदन में खुले कार्यालय पर तकरीबन 15000 किराया खर्चा जा रहा है, लेकिन अभी तक कार्यालय में कामकाज शुरू नहीं हुआ।
2. लैप्स हो गई नोटीफिकेशन : एसडीएम
एसडीएम एवं भू-अधिग्रहण अधिकारी एमएल मेहता के अनुसार भू अधिग्रहण के लिए जारी अधिसूचना के तहत दो साल में कार्य करना होता है। फंडिंग की कमी से कार्य आरंभ नहीं हुआ। लिहाजा, यह अधिसूचनाएं अब लैप्स हो गईं।