प्रदेश में चार दिन भारी बारिश की चेतावनी

शिमला/नौहराधार (सिरमौर)
फाइल फोटो
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हिमाचल प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों में रविवार से चार दिन 14 अगस्त तक भारी बारिश की चेतावनी जारी हुई है। राजधानी शिमला सहित सूबे के कई क्षेत्रों में शनिवार को दिन भर हल्की बूंदाबांदी का दौर जारी रहा। शुक्रवार रात और शनिवार को भूस्खलन से 105 सड़कें प्रदेश में अभी भी बंद हैं। शनिवार को राजधानी शिमला में सुबह के समय मौसम साफ रहा। दोपहर बाद शहर में बादल छाने के बाद हल्की बूंदाबांदी हुई।

प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में भी मौसम का मिजाज मिलाजुला रहा। किन्नौर में रिब्बा और नेसंग के पास बाधित नेशनल हाईवे पांच पर शुक्रवार रात साढ़े नौ बजे 29 घंटे बाद पूह-काजा और स्पीति घाटी के लिए वाहन दौड़े। सीमा सड़क संगठन ने कड़ी मशक्कत के बाद बाधित एनएच पांच को बहाल किया। बाढ़ आने से एनएच पांच रिब्बा के पास 20 मीटर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था।

शनिवार को प्रदेश के अधिकतम तापमान में दो से तीन डिग्री की बढ़ोतरी हुई। शनिवार को ऊना में अधिकतम तापमान 34.6, भुंतर में 33.8, हमीरपुर में 32.2, बिलासपुर में 32.0, सुंदरनगर में 31.8, कांगड़ा-चंबा में 30.4, धर्मशाला में 28.6, नाहन में 28.2, सोलन में 28.0, कल्पा में 23.8, शिमला में 23.0 और केलांग में 22.0 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड हुआ। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने 16 अगस्त तक पूरे प्रदेश में मौसम खराब बना रहने की संभावना जताई है।

चूड़धार में लापता पांचों श्रद्धालु रेस्क्यू

सिरमौर की सबसे ऊंची चोटी चूड़धार के घने जंगलों में लापता पांचों श्रद्धालु शनिवार को सही सलामत रेस्क्यू कर लिए गए। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नौहराधार में पांचों का स्वास्थ्य जांचने के बाद उन्हें घर भेज दिया। बीते वर्ष सात साल की एक बच्ची भी चूड़धार से वापस आते वक्त रास्ता भटक गई थी। इसके बाद सर्च अभियान भी चलाया, लेकिन उसका पता नहीं चल पाया था।करीब चार माह बाद श्रुति का कंकाल जंगल से बरामद हुआ था। शुक्रवार को भी चूड़धार से वापस आते वक्त पांच श्रद्धालु रास्ता भटक गए थे। लापता श्रद्धालुओं को पूरी रात जंगल में बितानी पड़ी। साथ ही पुलिस ने लापता लोगों को खोजने के लिए टीमें भेजीं। इनमें हिमाचल के तीन व हरियाणा के दो श्रद्धालु शामिल थे। शनिवार को पांचों श्रद्धालु जंगल से रेस्क्यू कर लिए गए।

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