पौ फटते ही सिर से छिन गई छत

नगवाईं (मंडी)। कोट ढलयास पंचायत के भुट्टी गांव के छह परिवारों को क्या पता था कि पौ फटते ही उनके सिर से छत छिन जाएगी। भीषण अग्निकांड ने छह परिवारों को बेघर कर कड़ाके की ठंड में खुले आसमान के नीचे रहने को विवश कर दिया है। पीड़ित परिवारों के पास अब न तो तन ढकने के लिए कपड़े बचे हैं और न ही सर्द रातें गुजारने के लिए छत। साथ ही आमदनी का एक मात्र साधन पशुपालन भी भीषण आग ने छीन लिया है।
भुट्टी गांव निवासी धमंडा राम, यादव सिंह, ढाबे राम, टेक सिंह, चमारू राम और गीता नंद का पूरा परिवार चार मंजिला मकान में रहता था। इस मकान में 31 कमरे थे। पीड़ित एक ही परिवार से संबंध रखते हैं, लेकिन सबका चूल्हा अलग-अलग जलता है। पीड़ित परिवारों को शायद ही इस बात का आभास रहा होगा कि एक छोटी ही चिंगारी उन्हें बेघर करने के साथ जीवन भर की कमाई को भी स्वाह कर देगी। मंगल उनके लिए अमंगल बन कर आया। मंगलवार तड़के मकान के एक छोर से उठी चिंगारी में भीषण रूप धारण कर लिया। आग की लपटों ने चंद ही क्षणों में पूरे मकान को चपेट में ले लिया। इससे पीड़ित परिवारों के पास गौशाला में बंधे मवेशियों और घर का सामान बाहर निकालने का जरा भी वक्त नहीं मिला। आंखों के सामने से मवेशी बुरी तरह झुलस कर दम तोड़ते रहे और सारी संपत्ति धू-धू कर जलती रही। स्कूल में पढ़ने वाले पांच बच्चों की कापी किताबें भी आग में स्वाह हो गई।
आग की लपटें देख आसपास के लोग भी आनन फानन में बचाव के लिए मौके पर पहुंचे, लेकिन आग इतनी भयानक थी कि उस पर काबू पाना मुश्किल था। कुल्लू और मंडी से दमकल गाड़ियां पहुंचने तक सब कुछ राख हो चुका था। पीड़ित झाबे राम का कहना है कि सुबह तीन बजे मकान में आग की लपटें देखी। आनन-फानन में सारे लोग घर से बाहर निकले, लेकिन सामान और मेवशियों को बचाने का समय तक नहीं मिला।

Related posts