पॉलीहाउस लगाने वाले किसानों का कर्ज माफ करने की तैयारी

पॉलीहाउस लगाने वाले किसानों का कर्ज माफ करने की तैयारी

शिमला
मुख्य सचिव के साथ हुई बैठक में अधिकारियों ने अपनी राय दी कि अगर किसानों का कर्ज माफ किया जाता है तो कई अन्य वर्गों की ओर से भी कर्ज माफी का मुद्दा उठाया जा सकता है। इसलिए इस बारे में एक ऐसी नीति बनाने की जरूरत है, जो अन्य वर्गों पर भी समान रूप से लागू हो।

चुनावी साल में बिजली-पानी के बिलों और महिलाओं के बस किराये में छूट देने के बाद अब पॉलीहाउस लगाने वाले किसानों का कर्ज माफ करने की तैयारी है। बिलासपुर जिले का केस स्टडी कर सूबे के सैकड़ों किसानों को राहत देने पर मंथन शुरू हो गया है। इन किसानों पर लाखों रुपये का कर्ज है। सोमवार को मुख्य सचिव रामसुभग सिंह ने इस संबंध में सहकारिता निदेशक और सहकारी बैंक के प्रबंध निदेशक की राय ली है। बिलासपुर समेत कई क्षेत्रों के किसानों के इस मामले पर सरकार विचार कर रही है।

इनमें से कई किसानों ने तो पिछली धूमल सरकार के वक्त पॉलीहाउस लगाए थे। ये इनमें बेमौसमी सब्जियां उगा रहे हैं। पॉलीहाउस के लिए 50 से 80 फीसदी तक की सब्सिडी देय थी लेकिन इन्हें स्थापित करने की लागत इतनी ज्यादा थी कि किसानों को ऋण लेना पड़ा। अब किसान कर्ज चुकता नहीं कर पा रहे हैं। सूत्रों के अनुसार बिलासपुर के कुछ किसान तो इस मामले को दिल्ली तक उठा चुके हैं। उसके बाद ही राज्य सरकार ने इसका समाधान ढूंढने के लिए कसरत तेज कर दी है।

कैबिनेट बैठक में जा सकता है मामला
सोमवार को मुख्य सचिव के साथ हुई बैठक में अधिकारियों ने अपनी राय दी कि अगर किसानों का कर्ज माफ किया जाता है तो कई अन्य वर्गों की ओर से भी कर्ज माफी का मुद्दा उठाया जा सकता है। इसलिए इस बारे में एक ऐसी नीति बनाने की जरूरत है, जो अन्य वर्गों पर भी समान रूप से लागू हो। सहकारिता विभाग और सहकारी बैंक के अधिकारियों की इस राय को लेने के बाद यह मामला अब कैबिनेट की बैठक में जा सकता है।

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