पुलों की गुणवत्ता जांचे बिना ही शुरू की वाहनों की आवाजाही, केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने लगाई फटकार

पुलों की गुणवत्ता जांचे बिना ही शुरू की वाहनों की आवाजाही, केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने लगाई फटकार

शिमला
केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने निरीक्षण अधिकारियों की सुस्ती पर सख्ती दिखाते हुए प्रधान सचिव लोक निर्माण विभाग को चिट्ठी लिखकर कहा कि इन पुलों की गुणवत्ता की जल्द जांच करें।

हिमाचल प्रदेश में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत 14 पुलों का निर्माण कार्य मार्च में पूरा हो गया है, लेकिन इनकी गुणवत्ता जांचे बिना ही इन पुलों पर वाहनों की आवाजाही शुरू कर दी गई। इस पर केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने सख्ती दिखाई है। अप्रैल 2021 से मार्च 2022 के बीच ये पुल बनकर तैयार हुए हैं, लेकिन राज्य गुणवत्ता जांच अधिकारी इन पुलों के निर्माण कार्य की गुणवत्ता जांचने के लिए निरीक्षण करने तक नहीं गए।

केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने निरीक्षण अधिकारियों की सुस्ती पर सख्ती दिखाते हुए प्रधान सचिव लोक निर्माण विभाग को चिट्ठी लिखकर कहा कि इन पुलों की गुणवत्ता की जल्द जांच करें। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय की राष्ट्रीय ग्रामीण अवसंरचना विकास एजेंसी के अतिरिक्त सचिव डॉ. आशीष कुमार गोयल ने इस बारे में प्रधान सचिव प्रदेश लोक निर्माण विभाग भरत खेड़ा को पत्र लिखा है।

देश भर के 31 राज्यों में ऐसे पुलों की संख्या 1360 है, जो इस अवधि में तैयार किए गए, लेकिन ज्यादातर की गुणवत्ता को नहीं जांचा गया है। पड़ोसी राज्यों पंजाब और हरियाणा में इस अवधि में बने सभी पुलों की गुणवत्ता जांच की गई है, जबकि जम्मू-कश्मीर और उत्तराखंड की स्थिति हिमाचल प्रदेश से भी खराब है। जम्मू-कश्मीर में तैयार किए गए ऐसे पुलों की संख्या 52 है, जबकि उत्तराखंड में 18 है, जिनकी गुणवत्ता जांची नहीं गई। हालांकि, इन पुलों के नामों का उल्लेख इनमें नहीं है।

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