पुलिस जवान की गुंडागर्दी, स्टूडैंट किया लहूलुहान

शिमला: मालरोड पर पुलिस कांस्टेबल ने बेहवजह प्रदेश विश्वविद्यालय के एक छात्र को बेरहमी से पीट डाला। इसके चलते चौपाल कुपवी शेरटी निवासी नरेश दास्टा को मुंह और सिर पर चोटें आई हंै, ऐसे में गुस्साई भीड़ ने मालरोड स्थित रिपोर्टिंग रूम का घेराव करते हुए पुलिस प्रशासन के खिलाफ करीब आधा घंटा नारेबाजी करते हुए दोषी पुलिस कर्मचारी के खिलाफ तत्काल कड़ी कार्रवाई की मांग की।

 

मामले की सूचना मिलते ही डीएसपी राजेंद्र कुमार और रामलाल बंसल मौके पर पहुंचे लेकिन गुस्साई भीड़ शांत नहीं हुई और संबंधित कर्मचारी को उसके हवाले करने की मांग करने लगी, ऐसे में मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला पुलिस अधीक्षक डीडब्ल्यू नेगी मौके पर पहुंचे और उन्होंने कड़ी कार्रवाई अमल में लाते हुए मामले को शांत किया। एसपी ने मौके पर अपने सामने नरेश दास्टा की शिकायत दर्ज करवाई और उस आधार पर डीएसपी राजेंद्र कुमार को एफआईआर दर्ज करने को कहा। इसके बाद रिपोर्टिंग रूम के बाहर मीडिया में जिला पुलिस अधीक्षक ने उक्त कार्रवाई को हवाला दिया। इसके बाद जाकर भीड़ शांत हुई।

 

पीड़ित नरेश दास्टा ने बताया कि शुक्रवार को रिज मैदान पर चौपाल स्टूडैंट वैल्फेयर एसोसिएशन का रक्तदान शिविर था, ऐसे में वह रक्तदान शिविर के समापन के बाद करीब 4:40 बजे रिज से स्कैंडल की तरफ 15 से 20 युवकों के साथ आ रहे थे। आरोप है कि इसी बीच एक कांस्टेबल ने उन्हें साइड होकर चलने का इशारा किया और फिर देखते ही देखते उन्हें पकड़ लिया। आरोप है कि इसके बाद वह उसे जबरन अपने साथ रिपोर्टिंग रूम ले आया और वहां भी लात-घूंसों बरसाए। नरेश दास्टा ने अंदेशा जताया है कि संबंधित जवान नशे में था।

 

उधर, एबीवीपी की प्रदेश इकाई शनिवार को इस मामले पर धरने-प्रदर्शन का आयोजन करेगी। एसपी शिमला डीडब्ल्यू नेगी ने बताया कि संबंधित जवान को सस्पैंड कर दिया है। इसके साथ ही युवक की शिकायत के आधार पर एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि मामले में नियमानुसार कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

 

सीसीटीवी खोलेगा राज
रिज और मालरोड पर लगे सीसीटीवी कैमरे में यह पूरा मामला कैद हुआ है, ऐसे में अब पुलिस जांच को आगे बढ़ाते हुए सीसीटीवी कैमरे की फुटेज से पूरे मामले का पर्दाफाश करेगी। नरेश दास्टा ने भी जिला पुलिस अधीक्षक से सीसीटीवी कैमरे की फुटेज खंगालने को कहा है ताकि पूरे मामले की सच्चाई सामने आ सके। मालरोड पर हुए हंगामे से धारा-144 का भी उल्लंघन हुआ। रिज और मालरोड पर किसी भी तरह की नारेबाजी नहीं की जा सकती।

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