पीलिया मामले में एस आई टी की जाँच में हुआ खुलासा, ठेकेदार ने किया गुमराह

शिमला : राजधानी में सरकार की नाक के नीचे लापरवाही चलती रही और सरकार सोई रही। अश्विनी खड्ड पेयजल योजना में न जाने कब से मल्याणा सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांट का गंदा पानी रिस कर मिलता रहा लेकिन किसी को कानोंकान भनक नहीं लगी।

 

पुलिस की एसआईटी की जांच में खुलासा हुआ कि सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांट का ठेकेदार प्लांट संचालन के लिए सालाना डेढ़ करोड़ रुपए हासिल करता था लेकिन उसमें से 10 लाख रुपए भी प्लांट पर खर्च नहीं किए जाते थे। हैरानी इस बात की है कि ठेकेदार अक्षय डोगर सीवरेज की ट्रीटमैंट के लिए पुरानी क्लोरीन का इस्तेमाल करता रहा। कई बार तो पानी बिना ट्रीट किए ही छोड़ा जाता रहा। यह सारा गंदा पानी अश्विनी खड्ड पेयजल योजना में मिलता रहा।

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