खास बातें
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ईस्टर्न इकोनॉमिक फोरम की बैठक में भाग लेने के लिए रूस पहुंचे
- चार और पांच सितंबर की दो दिवसीय यात्रा के दौरान रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ क्षेत्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय मसलों पर बातचीत करेंगे
- भारत-रूस के 20वें सालाना शिखर सम्मेलन में भी हिस्सा लेंगे
- पीएम मोदी ने कहा उनकी यह यात्रा दोनों देशों के मध्य संबंधों को नए आयाम, नई ऊर्जा देगी
#WATCH Prime Minister Narendra Modi receives guard of honour, on his arrival in Vladivostok. He is on a 3-day visit to Russia. pic.twitter.com/o5AMKrd6zy— ANI (@ANI) September 3, 2019
वह चार और पांच सितंबर की दो दिवसीय यात्रा के दौरान रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ क्षेत्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय मसलों पर बातचीत करेंगे। यह बैठक रूस के व्लादिवोस्तोक में हो रही है। मोदी भारत-रूस के 20वें सालाना शिखर सम्मेलन में भी हिस्सा लेंगे।
यात्रा पर रवाना होने से पहले मोदी ने यहां कहा कि वह आपसी हितों के क्षेत्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर अपने मित्र और रूसी राष्ट्रपति पुतिन के साथ बातचीत के लिए उत्सुक हैं और दोनों देशों की इच्छा आपसी संबंधों को और सशक्त बनाने की है। मोदी व्लादिवोस्तोक में आयोजित हो रही पांचवी ईस्टर्न इकोनॉमिक फोरम में पुतिन के आमंत्रण पर जा रहे हैं। मोदी ने कहा कि बहु ध्रुवीय विश्व में दोनों देश परस्पर सहयोग के लिए आगे आये हैं और उनकी यात्रा के समय एक विशिष्ट योग एप जारी किया जाएगा। उन्हें उम्मीद है कि अधिक से अधिक रूसी भाई बहन अपने दैनिक जीवन में योग को शामिल करेंगे।
पुतिन के साथ है स्पेशल केमेस्ट्री
भारत और रूस के बीच परिवहन के क्षेत्र में हो सकता है समझौता
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि इस्टर्न इकोनॉमिक फोरम की बैठक के दौरान भारत और रूस के बीच सड़क और परिवहन क्षेत्र से जुड़े द्विपक्षीय सहयोग के समझौतों पर हस्ताक्षर करने की तैयारी है। इससे सड़क निर्माण की बेहतर तकनीक और डिजाइन का आदान-प्रदान हो सकेगा। इसके अलावा भारत में परिवहन की लागत कम हो सके, इसके लिए मल्टी मोडल ट्रांसपोर्ट हब समेत परिवहन के सभी साधनों से जुड़ी तकनीक सुलभ कराने से संबंधित समझौता होगा।
केंद्रीय जहाजरानी मंत्रालय के एक अधिकारी के मुताबिक इस दौरान चेन्नई से व्लादिवोस्तोक को जोड़ने के लिए समुद्री मार्ग चालू करने की संभावना भी तलाश की जाएगी क्योंकि इससे आर्कटिक मार्ग के जरिए यूरोप भी जुड़ सकता है। उल्लेखनीय है कि पीएम मोदी चार सितंबर को व्लादिवोस्तोक में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ 20 वीं वार्षिक द्विपक्षीय शिखर बैठक में शिरकत करेंगे। मोदी और पुतिन देश के एक प्रमुख पोत निर्माण यार्ड का भी संयुक्त दौरा करेंगे।
पेट्रोलियम मंत्रालय से मिली जानकारी के मुताबिक प्रधानमंत्री की व्लादिवोस्तोक यात्रा के दौरान हाइड्रोकार्बन क्षेत्र में सहयोग एक प्रमुख क्षेत्र होगा। कच्चे तेल और गैस क्षेत्र में सहयोग की संभावनाओं को पूरा करने के लिए दोनों पक्षों के पांच साल का खाका -2019-2024- खींचने की उम्मीद है। भारत अभी अपनी कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस की जरूरतों के लिए खाड़ी क्षेत्र पर बहुत अधिक निर्भर है। भारत रूस को हाइड्रोकार्बन के एक प्रमुख स्रोत के रूप में देख रहा है ताकि खाड़ी क्षेत्र पर उसकी पूर्ण निर्भरता समाप्त हो सके। प्रधानमंत्री की इस यात्रा के दौरान रूस में कच्चे तेल और गैस क्षेत्रों के विकास के लिए देश की सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों और रूसी संस्थाओं के बीच कुछ समझौतों पर भी हस्ताक्षर किये जाएंगे।
केंद्रीय पेट्रोलिय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मंगलवार को बताया कि इस दौरान रूस से एलएनजी के आयात पर कुछ ठोस फैसला हो सकता है। उनका कहना है कि भारत में लंबी दूरी के परिवहन में एलएनजी के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए क्या कुछ हो सकता है, इस बारे में कुछ ठोस प्रयास किया जाएगा।