पावर प्रोजेक्ट लेने को ब्रैकल ने लगाया फर्जी प्राधिकार पत्र

 शिमला
सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर
पावर प्रोजेक्ट लेने को ब्रैकल ने दूसरी कंपनियों का फर्जी प्राधिकार पत्र लगाया था। विजिलेंस जांच में यह खुलासा हुआ कि कंपनी ने अपनी वित्तीय स्थिति के अलावा जिन कंपनियों के साथ मिलकर कनसोर्टियम (उद्योगों का संघ) बनाया था, वह फर्जी था। ब्रैकल ने जिन कंपनियों की इक्विटी हासिल होने का दावा कर सरकार और बिजली बोर्ड को जो प्राधिकार पत्र सौंपा, वह फर्जी था। किसी भी कंपनी ने ब्रैकल के साथ न तो इक्विटी साझा करने का एग्रीमेंट किया और न ज्वाइंट वेंचर की बात मानी।

विजिलेंस सूत्रों के अनुसार जांच में पता चला है कि ब्रैकल ने स्टैंडर्ड बैंक, एसएनसी लैवलीन इंटरनेशनल, एनर्जी इन्फ्रास्ट्रक्चर ओवरसीज लिमिटेड और ईको सिक्योरिटीज ग्रुप पीएलसी के साथ ज्वाइंट वेंचर एग्रीमेंट के जरिये कनसोर्टियम बनाने का दावा किया था।

कहा गया कि सभी कंपनियां अपनी इक्विटी का निवेश करेंगी, लेकिन जांच में यह बात सामने आई है कि एग्रीमेंट पर सिर्फ ब्रैकल कॉरपोरेशन और हैलक्रो कंसल्टिंग इंडिया लिमिटेड के ही अधिकारियों ने साइन किया। इन दो कंपनियों के अलावा बाकी कंपनियों ने सिर्फ इस बात के लिए ब्रैकल को अधिकृत किया था कि वह बिड जमा करने के लिए दस्तावेजों की जानकारी हासिल कर सके। इन सभी कंपनियों ने लिखित में विजिलेंस को यह जानकारी दी है।

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